कांग्रेस में बदलाव की तैयारियों के बीच अब खेमेबंदी तेज होने लगी है। सचिन पायलट समर्थक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने राजस्थान में पंजाब की तर्ज पर मुख्यमंत्री बदलने की मांग उठाई है। उन्होंने पायलट को CM बनाने की पैरवी की है। राजेंद्र चौधरी ने मीडिया से कहा- राजस्थान की जनता पायलट को जल्द से जल्द नेतृत्व करते देखना चाहती है। अशोक गहलोत सीनियर हैं। उन्हें अनुभव का लाभ नए नेतृत्व को देना चाहिए। राजेंद्र चौधरी ने कहा- राजस्थान का जनमानस यह चाहता है कि सचिन पायलट को नेतृत्व मिले। मुझे ढाई साल में कोई ऐसा नहीं मिला, जिसने यह नहीं कहा हो कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री रह लिए, उन्होंने अपना काम कर लिया। वे बुजुर्ग हैं। मार्गदर्शक के रूप में काम करें। सलाह दें। अशोक गहलोत खुद कह चुके हैं कि युवा नेतृत्व को बढ़ाना चाहिए। राजस्थान का जनमानस सचिन पायलट को चाहता है। हमारा हाईकमान इसे गंभीरता से ले रहा है। कोई पार्टी बिना जनसमर्थन खड़ी नहीं रह सकती। पायलट राजस्थान की जनता की उम्मीद हैं। बुजुर्ग लोग गांवों में मुझसे कान में पूछते हैं कि पायलट साहब कब मुख्यमंत्री बनेंगे। कहते हैं सोनियाजी को समझाइए।
पंजाब की घटना
पंजाब की घटनाओं के बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री सक्रिय हो गए हैं। पंजाब का फैसला हमारे सामने है। एक घ्ंटे में सारे विधायक नए नेतृत्व के पास पहुंच गए। विधायकों की संख्या कोई मायने नहीं रखती। फिगर का कोई मतलब नहीं है। किसके पास कितने विधायक हैं, इस संख्या का कोई अर्थ नहीं है। लोकसभा चुनाव में हम सभी 25 सीटों पर हारे। 200 में से केवल 11 विधानसभा क्षेत्रों पर ही कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी। विधायकों का नहीं जन समर्थन का मापदंड होना चाहिए।
विधानसभा चुनाव में युवाओं ने उम्मीद को वोट दिए थे
राजेंद्र चौधरी ने कहा- सचिन पायलट राजस्थान के जनमानस के दिल में खड़े हैं। पिछली बार जब अशोक गहलोतजी की सरकार होते हुए कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई तो सचिन पायलट को कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान की जिम्मेदारी दी थी। पायलट ने संघर्ष किया, मेहनत की। विधानसभा चुनाव में आमजन यह मान रहा था कि आगे आने वाली सरकार का नेतृत्व पायलट करेंगे। प्रदेश के यूथ से लेकर हर वर्ग ने एक उम्मीद को वोट दिया। आलाकमान ने तीसरी बार अशोक गहलोत को जिम्मेदारी दे दी।
सीएम के पुत्र बड़े अंतर से चुनाव हारे
चौधरी ने कहा-अशोक गहलोत के सीएम बनने के ठीक छह माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सभी 25 सीट हार गई। मुख्यमंत्री के पुत्र खुद पौने तीन लाख वोटों के बड़े अंतर से हार गए। खुद के बूथ तक से चुनाव हार गए। ऐसा छह माह में सरकार ने कौन सा पाप और गलत काम कर दिया कि जनमानस कांग्रेस से मुड़ गया। यह सवाल उस समय भी था और आज भी है।
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