राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का विरोध की चेतावनी देने वाले विजय बैंसला अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से पहले गुर्जर समाज की बैठक बुला रहे हैं। उनसे भास्कर के विशेष संवाददाता की सीधी बात-
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक में पीएम के दाैरे काे लेकर एजेंडे के क्या मायने?
आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक में कई एजेंडे हैं। इसमें संगठनात्मक नियुक्ति, हाल ही में गहलाेत सरकार से हुए सरकारी समझाैते की समीक्षा और भगवान देवनारायण जयंती पर पीएम के दाैरे काे लेकर मंथन का एजेंडा रखा गया है। इसमें समाज के आरक्षण काे 9वीं अनुसूची में जुड़वाना और गुर्जर रेजीमेंट जैसी बड़ी मांगे या कहें हमारा सपना शामिल है।
पीएम दाैरे के समय ये मुद्दा उठाना कितना सही है?
हमने ये मुद्दा 13 फरवरी 2019 से उठा रखा है। हमारे आरक्षण काे 9वीं अनुसूची में डालने काे लेकर राज्य सरकार ने केंद्र से पत्र व्यवहार किए हैं। हमने भी इस मामले काे लेकर सांसदाें से व्यक्तिगत मिलकर या पत्र लिखकर आग्रह किए थे। पिता कर्नल किराेड़ी सिंह बैंसला की अंतिम इच्छाओं में से ये दाे बातें भी थी।
समिति काे आसींद से कार्यक्रम में न्याेता नहीं मिलना और समाज के नेताओं में आपसी फूट चर्चाओं में है?
समाज एक परिवार की तरह है। इसमें काेई फूट नहीं है। परिवार में मतभेद हो सकते हैं मनभेद नहीं हैं। समाज से जुड़े मुद्दों पर हम शुरू से ही एकजुट हैं।
आरक्षण समिति ने पाॅलिटिकल पार्टी की तरह संगठन में नियुक्तियां की हैं, इसके क्या मायने हैं?
इसके राजनीतिक मायने नहीं निकालें। हमारा मकसद आखिरी छाेर के व्यक्ति काे मजबूत करना है। चूंकि हमारे समाज का बड़ा वर्ग गांवाें में है। ऐसे में लाेगाें काे उनका हक दिलाने और जागरूकता की नियत से संगठन में नियुक्तियां की हैं।
आप बीजेपी से हैं और पहले राहुल गांधी की यात्रा का विराेध भी कर चुके हैं अब क्या करेंगे?
गहलाेत सरकार और मंत्रियाें ने सरकारी समझाैते का पालन नहीं कराया था। इस वजह से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का विराेध करके ध्यान आकर्षित कराया था। पीएम का राजस्थान में स्वागत है, लेकिन समाज खुद की मांग या बात पहुंचाने का प्रयास कर रहा है ताे इसमें क्या गलत है? समाज को पीएम से बहुत उम्मीद है।
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