सुप्रीम कोर्ट से नाहरगढ़ किले के पास दुकानों और साउंड एंड लाइट शो बंद करने के एनजीटी के आदेश को चुनौती देने के मामले में राज्य सरकार को शो वापस शुरू करने की राहत नहीं मिल पाई है। वहीं अदालत ने मामले में नाराजगी जताते हुए कहा है कि किले के जंगल क्षेत्र में शराब और बीयर से क्या हो रहा है, वहां पर गैर फोरेस्ट गतिविधियां क्यों चल रही हैं? वहां पर लाइट एंड साउंड शो नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह टिप्पणी बुधवार को राज्य सरकार व म्यूजियम एंड टूरिज्म विभाग की याचिका पर सुनवाई करते हुए की। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने मामले में बनाए गए पक्षकारों को जवाब भी देने के लिए कहा है। लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि नोटिस केवल वहां पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जारी किए जा रहे हैं। अदालत ने मामले की सुनवाई आठ सप्ताह बाद तय की है।
किला जंगल में है फिर नॉन फॉरेस्ट गतिविधियों को कैसे मंजूरी दें?
अदालत ने कहा नाहरगढ़ किला जंगल क्षेत्र में है। फिर वहां पर नॉन फॉरेस्ट गतिविधियों को कैसे मंजूरी दी जा सकती है? दरअसल राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एनजीटी के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें एक पर्यावरणविद की याचिका पर नाहरगढ़ किले के पास की सभी दुकानों को हटाने व लाइट एंड साउंड शो बंद करने का आदेश दिया था।
राज्य सरकार ने कहा यह सभी वहां पर अचानक शुरू नहीं हुआ है और कई सालों से चल रहा है। ऐसे में बंद नहीं किया जाना चाहिए। इस पर पर जस्टिस नजीर ने कहा कि हम नहीं जानते कि यह कितना पुराना है, लेकिन वहां पर शराब और बीयर से क्या हो रहा है? आप जंगल में लाइट व साउंड शो करके जंगल की शांति भंग नहीं कर सकते, आप वहां पर यह सब नहीं कर सकते। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मंगलवार को कलेक्टर ने एनजीटी की पालना में यहां लाइट एंड साउंड शो बंद करने के निर्देश दिए थे।
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