पूरी दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का डर फैला हुआ है। भारत में भी इस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। राजस्थान में अब तक इस वैरिएंट से संक्रमित 17 मरीज मिल चुके हैं। कई संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। कोरोना के इस नए वैरिएंट के खतरे के बीच अब हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर में वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाने की मांग उठने लगी है। ऐसे में इन ग्रुप को बूस्टर डोज दिया जाए या नहीं इसके आंकलन के लिए राज्य सरकार ने एक सीरो सर्वे करवाना शुरू कर दिया है। इसमें पूरे प्रदेश के 17 हजार से ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी की जांच की जाएगी।
जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और मुख्यमंत्री कोविड कंट्रोल कमेटी के सदस्य डॉ. सुधीर भंडारी ने बताया कि ये सर्वे प्रदेश के 14 जिलों में करवाया जा रहा है। ज्यादातर जिलों से हमारे पास ब्लड सैंपल आ गए हैं और जल्द ही इनकी टेस्टिंग करना शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि इस पूरे सर्वे की रिपोर्ट आने में एक महीने तक का समय लग सकता है। ये सीरो सर्वे सभी संभागीय मुख्यालय जिलों के अलावा अन्य 7 जिलों में करवाया जा रहा है।
17 हजार से ज्यादा लोगों में करवाया जाएगा सर्वे
जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की एचओडी और सीनियर प्रोफेसर डॉ. भारती मल्होत्रा की मानें तो यह सर्वे 17 हजार लोगों में करवाया जाएगा। इस सर्वे में डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, हॉस्पिटल में काम करने वाले तमाम स्टाफ के अलावा सामान्य व्यक्तियों को शामिल किया है। इस सर्वे में ये पता चलेगा की इन लोगों में इम्युनिटी लेवल कितना है। इसमें वैक्सीनेट और नॉन वैक्सीनेट लोगों के भी सैंपल लिए गए है।
बूस्टर डोज के लिए होगा मददगार
डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि सीरो सर्वे के लिए हर जिले में एक शहरी एरिया और 2-2 ग्रामीण एरिया में 4-4 क्लस्टर बनाया है। इसमें आमजन के सैंपल लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी सैंपल जांच के लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज आएंगे। इस सर्वे से ये पता चलेगा की लोगों में एंटीबॉडी की क्या स्थिति है। इससे सरकार बूस्टर डोज की रणनीति तैयार कर सकती है।
76 फीसदी लोगों में मिली थी एंटीबॉडी
राजस्थान में पिछले दिनों भी एक सीरो सर्वे करवाया था। यह सर्वे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) इसमें 76 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी है। हालांकि यह सर्वे जून-जुलाई में चुनिंदा शहरों से कुल 1226 लोगों पर करवाया गया था। इन सैंपल की जांच रिपोर्ट आई तो उसमें 934 की रिपोर्ट में एंटीबॉडी मिली। जिसे आईसीएमआर ने संतोषजनक माना था।
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