मेघालय की महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी से हमारे राज्य के 150 से ज्यादा विद्यार्थियों का भविष्य अधरझूल में लटक गया है। राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल द्वारा इस यूनिवर्सिटी से ईसीजी टेक्नीशियन कोर्स करने वाले छात्राें का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है। राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल के अधिकारियों का तर्क है कि हमारे पैरामीटर में नहीं आने से रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते।
मेघालय के विश्वविद्यालय को वेरिफिकेशन के लिए लिखा है। इधर, महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी मेघालय के अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल ने मान्यता संबंधी जिन दस्तावेजों की मांग की थी, विश्वविद्यालय ने भेज दिए हैं। काउंसिल की ओर से पिछले साल 15 सितंबर को यूनिवर्सिटी को पत्र लिखा गया था। इसके बाद 10 अक्टूबर को जानकारी भेज दी गई थी। मेघालय सरकार ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि यहां पर संचालित ईसीजी टेक्नीशियन कोर्स मान्यता प्राप्त है।
ये दिया था आदेश
जोधपुर हाईकोर्ट ने राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल को मेघालय के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का अस्थायी पंजीकरण करने के लिए कहा था। साथ ही मान्यता संबंधित दस्तावेज विश्वविद्यालय और राज्य सरकार से मंगवाएं। विश्वविद्यालय ने संबंधित दस्तावेज पैरामेडिकल काउंसिल को भेज दिए हैं।
पैरामेडिकल काउंसिल के पैरामीटर के अनुसार हम मेघालय से ईसीजी टेक्नीशियन का कोर्स करने वाल विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते। कोर्ट की पालना में पहले हमने अस्थायी रजिस्ट्रेशन कर दिए। हमने वेरिफिकेशन के लिए लिखा है और डीबी में जाएंगे।
- उत्तम सिंह शेखावत, रजिस्ट्रार, राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल
भास्कर फॉलोअप : एमपी पैरामेडिकल काउंसिल को नोटिस देकर चेतावनी दी
मध्यप्रदेश के चार संस्थानों के खिलाफ 20 दिन बाद भी एमपी पैरामेडिकल काउंसिल द्वारा किसी तरह की कार्यवाही नहीं करने पर राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल ने नोटिस दिया है। राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल ने मध्यप्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल को तीन दिन का समय और देते हुए चेतावनी दी कि इन तीन दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भास्कर ने 9 जुलाई को राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में मध्य प्रदेश के डिप्लोमाधारियों के रजिस्ट्रेशन में धांधली, 413 का रजिस्ट्रेशन रद्द खबर प्रकाशित की थी।
एमपी पैरामेडिकल काउंसिल को किसी तरह का साक्ष्य प्रस्तुत करने पर एक और अंतिम अवसर दिया है। एमपी पैरामेडिकल काउंसिल ने फिर भी संस्थानों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की तो लीगल कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. पीके माथुर, अध्यक्ष, राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल
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