राजस्थान में CM फेस को लेकर BJP में असमंजस पर केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- भारतीय जनता पार्टी हमेशा संगठन के आधार पर ही चुनाव कराती है। बीजेपी का संगठन प्रमुख होता है। संगठन ही सबसे इम्पॉर्टेंट होता है। आप देश भर में देख लो। हम लोग अपने कार्यकर्ताओं के बल पर चुनाव में उतरते हैं। हमारे काम करने की पद्धति में राष्ट्र प्रथम और हमेशा प्रथम, कार्यकर्ता आगे और नेता बाद में होता है। हम लोग हमेशा सबसे पहले सोचते हैं कि जनसेवा में कैसे जाएं। मोदी जी ने पूरी राजनीति का डायरेक्शन चेंज किया है। सेवा और कर्तव्य इन दो को प्राथमिकता दी है। राष्ट्र निर्माण को प्रधानता दी। इन सब भावनाओं के साथ हम लोग चुनाव लड़ेंगे।
PM के विजन को इम्प्लीमेंट करने में मेरी भूमिका है
मंगलवार को वैष्णव से जब अजमेर में मीडिया ने पूछा राजस्थान चुनाव में आपकी क्या भूमिका रहेगी ? इस पर जवाब देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा-मैं तो एक साधारण कार्यकर्ता हूँ। जो PM ने काम दिया है। उसके लिए मैं धन्यवाद देता हूँ। उसके विजन को इम्प्लीमेंट करने में मेरी भूमिका है। इसके अलावा मेरी कोई और भूमिका नहीं है।
राहुल गांधी राष्ट्र विरोधियों के साथ भी दौरे कर रहे
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में भी आने वाली है। हाल ही राहुल गुजरात दौरा करके आए हैं। मध्यप्रदेश में भी दौरा कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- राहुल गांधी जरूर दौरे करें। लेकिन वो किस तरह के दौरे किस तरह के लोगों के साथ कर रहे हैं, वो भी देखिए। जो राष्ट्र के विरोध में काम कर रहे हैं, उन लोगों के साथ भी वो दौरे कर रहे हैं। दरअसल, मेधा पाटकर का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने पिछले दिनों गुजरात में जनसभा के दौरान कहा था कि नर्मदा बांध परियोजना को तीन दशक तक ठप रखने वाली महिला के साथ कांग्रेस नेता पदयात्रा निकालते नजर आए। कांग्रेस से पूछें- जो लोग नर्मदा बांध के खिलाफ थे, उनके कंधों पर हाथ रखकर आप पदयात्रा निकाल रहे हैं। अगर नर्मदा बांध न बनाया होता तो क्या होता ?
पाली के मूल निवासी हैं अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मूल रूप से राजस्थान के पाली के हैं। वह पूर्व IAS अफसर रहे हैं। वैष्णव को पीएम मोदी ने ओडिशा कोटे से मंत्रिमंडल में शामिल किया है। पाली जिले के जीवंद कलां में अश्विनी का पैतृक मकान है और पाली जिले के खैरवा गांव में उनका ननिहाल है, जहां उनका जन्म हुआ था।
IAS से मंत्री बनने तक का ऐसा रहा सफर
अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल काफी पहले जोधपुर शिफ्ट हो गए। यही कारण रहा कि अश्विन वैष्णव ने अपनी स्कूली शिक्षा जोधपुर में पूरी की। उसके बाद उन्होंने IIT कानपुर से बीटेक किया। 1994 में वे IAS बने। उनकी कार्य कुशलता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को प्रभावित किया और वे उन्हें अपने साथ PMO में ले आए। इसी दौरान वैष्णव का संपर्क नरेन्द्र मोदी से हुआ। 2004 में वाजपेयी सरकार की हार के बाद वैष्णव ने IAS पद से इस्तीफ दे दिया था। कुछ समय तक वह पोर्ट ट्रस्ट से जुड़े रहे और बाद में अमेरिका चले गए। अमेरिका में भी उनका मन नहीं लगा और वे भारत लौट आए।
इसके बाद वे उड़ीसा सरकार के डिजास्टर मैनेजमेंट सलाहकार बने। पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी वैष्णव का उनसे संपर्क बना रहा। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी यह संपर्क कायम रहा। वैष्णव की कार्यशैली से प्रभावित मोदी आखिरकार उनको तीन साल पहले राज्यसभा में लेकर आए। अश्विन वैष्णव के दो लड़के हैं और दोनों लंदन में पढ़ाई कर रहे हैं।
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