फोन टैपिंग केस में मुख्यमंत्री के OSD दिल्ली जाकर भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए। OSD लोकेश शर्मा पारिवारिक इमरजेंसी का हवाला देकर क्राइम ब्रांच के सामने पूछताछ के लिए नहीं गए। वे क्राइम ब्रांच के रोहिणी ऑफिस में पेश होने के लिए रवाना हो चुके थे, लेकिन रास्ते से वापस लौट गए। लोकेश शर्मा को आज दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए बुलाया था। वे एक दिन पहले दिल्ली पहुंच गए थे।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर 25 मार्च को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फोन टैपिंग मामले में लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। लोकेश शर्मा ने राजस्थान की घटना के लिए दिल्ली में केस दर्ज करने पर क्षेत्राधिकार का सवाल उठाते हुए इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक लोकेश शर्मा को गिरफ्तारी से राहत दे रखी है। हालांकि, क्राइम ब्रांच उनसे पूछताछ कर सकेगी।
ऑडियो के सोर्स पर सवाल-जवाब होने थे
OSD से दिल्ली क्राइम ब्रांच को जुलाई 2020 में विधायकों की खरीद--फरोख्त से जुड़े ऑडियो के सोर्स के बारे में पूछताछ करनी है। गहलोत के OSD अब तक यह कहते आए हैं कि उन्हें सोशल मीडिया पर ये ऑडियो मिले। ऐसे में अब उन्हें इनके बारे में पुख्ता जानकारी देनी होगी।
पायलट कैंप की बगावत से शुरू हुआ था फोन टैपिंग विवाद
पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद से फोन टैपिंग के आरोप लगे थे। गहलोत खेमे ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए ऑडियो टेप वायरल किए थे। इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ गहलोत सरकार को गिराने के लिए सौदेबाजी का आरोप लगाया गया था।
इस मुद्दे पर विधानसभा के बजट सत्र में जमकर हंगामा हुआ था। संसद में भी यह मामला उठा था। विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने माना था कि मुख्यमंत्री के OSD ने ऑडियो वायरल किए थे। BJP शुरू से ही इन वायरल ऑडियो के सोर्स के बारे में पूछते हुए सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगा रही है।
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