राजस्थान में तेज सर्दी का अलर्ट:माउंट आबू में 11 साल बाद नवंबर में जमी बर्फ, चूरू पांच राज्यों में सबसे सर्द

जयपुर4 महीने पहले
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नवंबर के आखिर वीक से राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में तेज सर्दी का असर शुरू हो गया है। बर्फ, ओस के कारण न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट हो रही है।

राजस्थान में इस सीजन नवंबर में भले ही सुबह-शाम सर्दी का असर कम दिखने को मिला हो, लेकिन पहाड़ी से लेकर मैदानी इलाकों में ठंड ने रिकॉर्ड बनाया है। माउंट आबू में 11 साल बाद नवंबर महीने में बर्फ जमी। वहीं, चूरू ऐसा शहर रहा जहां नवंबर के 14 दिन तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। इस कारण चूरू पूरे मध्य भारत के मैदानी इलाकों में सबसे ठंडा इलाका रहा।

इधर, दिसंबर में सर्दी की बात की जाए तो राजस्थान में 14 दिसंबर के बाद शीतलहर चलने की संभावना है। इस दौरान प्रदेश के मौसम में बड़ा उलटफेर दिखने को मिलेगा।

कोटा में 11 साल का रिकॉर्ड टूटा
नवंबर में इस बार कोटा में सर्दी का नया रिकॉर्ड बना है। यहां 25 नवंबर की रात न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो कोटा में पिछले 11 साल में नवंबर की सबसे सर्द रात रही। इससे पहले कोटा में साल 2020 में तापमान 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था, लेकिन ये रिकॉर्ड भी इस साल टूट गया। कोटा में 2012 से अब तक नवंबर में केवल 1 बार ही तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गया है।

आबू में समय से पहले जमी बर्फ

माउंट में भी इस बार सर्दी का जबरदस्त असर देखने को मिला। यहां इस बार समय से पहले मैदानों में बर्फ जम गई। सामान्यत: यहां दिसंबर के दूसरे सप्ताह से बर्फ जमने लगती है, लेकिन इस बार नवंबर के आखिरी सप्ताह में ही बर्फ जम गई। 11 साल बाद ये दूसरा मौका है जब आबू में नवंबर में बर्फ जमी हो।

इस सीजन 25 नवंबर को माउंट आबू में न्यूनतम तापमान 2 डिग्री पर आया था, तब यहां मैदानों और गाड़ियों की छतों पर हल्की बर्फ की परत जम गई थी। इस दिन के बाद से लगातार आबू में तापमान 2 डिग्री या उससे नीचे बना हुआ है।

माउंट आबू में अचलगढ़-ओरिया नाके के बीच सर्दी बढ़ने से झाड़ियों पर बर्फ दिखाई दी।
माउंट आबू में अचलगढ़-ओरिया नाके के बीच सर्दी बढ़ने से झाड़ियों पर बर्फ दिखाई दी।

मौसम केन्द्र नई दिल्ली ने नवंबर इस बार राजस्थान में सामान्य से ज्यादा बारिश और दिन का तापमान होने का पूर्वानुमान जारी किया था। हालांकि, न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की भविष्यवाणी की थी। लेकिन, मौसम विभाग की इस भविष्यवाणी के विपरीत इस बार बारिश भी कम हुई और दिन का तापमान भी अधिकांश समय सामान्य से ऊपर रहा।

इसके पीछे कारण वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की फ्रीक्वेंसी कम होना है। राजस्थान में इस सीजन नवंबर में शुरूआती दो सप्ताह में केवल 3 ही वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आए, जिसमें दो ज्यादा एक्टिव रहे। 15 नवंबर के बाद से लगातार मौसम शुष्क रहा और आसमान साफ रहने से दिन-रात के तापमान में गैप बढ़ा।

मैदानी इलाकों में सबसे ठंडा रहा चूरू
इस नवंबर में चूरू में भी अच्छी ठंड रही। यहां 17 नवंबर से तापमान लगातार 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। मैदानी इलाकों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य के तमाम शहरों में सबसे ज्यादा और लम्बे समय तक ठंडा रहने वाला इलाका रहा।

चूरू में नवंबर में इस बार न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इससे पहले साल 2014 और 2017 में ही ऐसा रहा जब चूरू का न्यूनतम तापमान नवंबर के महीने में 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा हो।

9 प्रमुख शहरों में 11 साल का टूटा रिकॉर्ड
नवंबर में शुरुआत से ही इस बार अधिकतम तापमान ने नए 11 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। प्रदेश के 9 शहरों में 4 व 5 नवंबर के समय अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रिकॉर्ड हुआ। इसमें अजमेर, जयपुर, कोटा, उदयपुर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू और गंगानगर में दिन के अधिकतम तापमान का नया रिकॉर्ड बना है।

अब आगे क्या?

मौसम केन्द्र नई दिल्ली ने इस महीने दिसंबर में न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना जताई है। इससे अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार दिसंबर में लंबे समय तक कड़ाके की ठंड नहीं पड़ेगी। हालांकि, 10 से 12 दिसंबर के बीच उत्तर भारत में एक प्रभावशाली वेस्टर्न डिर्स्टबेंस आने की संभावना है। अगर ये सिस्टम आता है तो इससे आने वाले समय में पहाड़ी एरिया में हैवी स्नोफॉले (बर्फबारी) हो सकती है। इस सिस्टम से राजस्थान के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है और इस सिस्टम के असर से राजस्थान में कोल्ड-डे की शुरुआत होने की संभावना है।

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सर्दी का असर राजस्थान के एकमात्र स्टेशन माउंट आबू पर पड़ रहा है। यहां पारा शून्य डिग्री पर पहुंच चुका है। माउंट आबू का रात का पारा देश के 10 हिल स्टेशन से भी नीचे आ गया है। यहां अचलगढ़-ओरिया नाके के बीच अगई माता मंदिर जाने के रास्ते में बर्फ जम गई।

वहीं, पूरे राजस्थान में दिसंबर के महीने में कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार कम ही हैं। मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इस बार दिसंबर से लेकर फरवरी तक का जो पूर्वानुमान जारी हुआ है। उसमें न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास ही रहने वाला है। अधिकतम तापमान भी सामान्य से ऊपर रहने की संभावना जताई है। इसे देखते हुए ये अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार दिसंबर में लोगों को कड़ाके ठंड कम ही महसूस होगी। (यहां पढ़ें पूरी खबर)