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कोरोनाकाल में एसएमएस अस्पताल में पिछले 9 महीने में जनरल ओपीडी का ग्राफ घट रहा था, लेकिन वैक्सीन की खबर आने के बाद से ही इसमें बढ़ाेतरी लगी है। पिछले साल नवंबर में औसतन 2500 से 3000 मरीज आउटडोर में आ रहे थे। वो दिसंबर में बढ़कर 4000 से 4500 हजार तक पहुंच गए। अस्पतालों में कोरोना का खौफ कम होने के साथ ही आउटडोर व इनडोर बढ़ने लगा है।
आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो अस्पतालों में आने वाले मरीजों का खौफ कम हो गया है। इससे न केवल मेडिसन बल्कि आर्थोपेडिक्स, न्यूरो, प्लास्टिक और जनरल सर्जरी में भी मरीज आने लगे है। जनवरी माह में अब तक मरीजों की औसतन संख्या 5 हजार तक पहुंच चुकी है। एसएमएस अस्पताल की जनरल ओपीडी में जनवरी में 17 में से 12 दिन 5 हजार से ज्यादा मरीज आए हैं। इसी तरह से महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट में भी मरीजों की संख्या दोगुनी हो चुकी है।
एसएमएस में 9 माह बाद ओपीडी का ग्राफ बढ़ा; जहां रोजाना औसतन मरीज 2500 से 3000 थे, अब 5000 तक पहुंचा
^मेडिकल कॉलेज से जुड़े एसएमएस, जेके लोन, महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट, जनाना अस्पताल चांदपोल, कावंटिया, सेठी कॉलोनी अस्पतालों में ओपीडी, इनडोर और सर्जरी की संख्या बढ़ने लगी है। ऑपरेशन कराने वाले मरीजों में अब कोरोना का खौफ कम होता नजर आ रहा है।
-डॉ. सुधीर भंडारी, प्राचार्य, एसएमएस मेडिकल कॉलेज
^अस्पताल में आ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए लगता है कि अब कोरोना का खौफ कम हो गया है। न केवल आउटडोर बल्कि भर्ती मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। ऑपरेशन कराने वाले मरीज भी डॉक्टरों से तारीख लेने लग गए है। सर्जरी के लिए पहले भी डॉक्टरों की टीम तैयार थी।
-डॉ. राजेश शर्मा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल
^कोरोनाकाल में आउटडोर 90 से 100 था, जो बढ़कर अब नए साल दोगुना हो गया है।
-डॉ. आशा वर्मा, अधीक्षक, महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट
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