गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस घातक साबित नहीं हो रहा है। दूसरी लहर में ऑक्सीजन लेवल का लगातार गिरना, सांस में तकलीफ होने पर वेंटीलेटर पर लेना और ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा होने पर आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था। हैरानी की बात ये है कि तीसरी लहर में गर्भवती में किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार यानि एसिम्प्टोमेटिक लेकिन जांच में पॉजिटिव मिलने पर डॉक्टर हैरान है। सैकंड वेव यानि पिछले साल जनवरी के 14 दिनों में मात्र 5 गर्भवती संक्रमित मिली थी। तीसरी लहर में 11 पॉजिटिव मिली है।
यानि संक्रमण की दर बढ़ने के बावजूद वायरस न जानलेवा है और न ही खतरनाक। भास्कर ने यह खुलासा सांगानेरी गेट स्थित डेडिकेटेड कोविड महिला चिकित्सालय में आने वाली गर्भवती महिलाओं के एनालिसिस के दौरान किया है। इधर, निजी अस्पताल वाले गर्भवती महिला के जांच में पॉजिटिव आने पर तुरंत डेडिकेटेड महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट रेफर कर रहे हैं। जबकि नियमानुसार प्रसव के बाद ठीक होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज करना चाहिए।
वर्ष-2021 के आंकड़े
(महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट डेडिकेटेड अस्पताल)
सोनोग्राफी : ऑनलाइन फॉर्म-एफ में गलत भरने को लेकर सरकार सख्त, कई सेंटरों को थमाए गए नोटिस
प्रदेश में संचालित पंजीकृत सोनोग्राफी सेंटरों पर ऑनलाइन फॉर्म-एफ में निरीक्षण के दौरान किसी तरह की गलती पाए जाने पर न केवल सेंटर के खिलाफ कार्यवाही होगी, बल्कि खुद जिम्मेदार होंगे। गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी के दौरान ‘इंपेक्ट सॉफ्टवेयर’ में ऑनलाइन फॉर्म-एफ को भरते समय लिपिक या कंप्यूटर ऑपरेटर को किसी तरह की गलती नहीं करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद भी बार-बार त्रुटि करने का मामला संज्ञान में आ रहे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने कुछ सेंटरों को नोटिस दिया गया है।
सरकार ने सेंटरों को निर्देश के बाद भी बार-बार ऑनलाइन फॉर्म-एफ भरने में गलती करने को गंभीर लापरवाही की श्रेणी में माना है। परियोजना निदेशक (पीसीपीएनडीटी) ने समस्त सीएमएचओ और जिला नोडल अधिकारियों को नियमों की सख्ती से पालना के निर्देश दिए हैं। अकेले जयपुर में जनाना अस्पताल चांदपोल, महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट, गणगौरी और शास्त्री नगर स्थित कांवटिया जैसे सरकारी अस्पतालों में ही रोजाना की 450 से 500 सोनोग्राफी हो जाती है। इधर, रेडियोडायग्नोसिस से जुड़े रेडियोलोजिस्टों का कहना है कि मानवीय भूल के कारण छोटी-मोटी गलती तो किसी से भी हो सकती है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.