जयपुर के आमेर में पहाड़ी पर बने वॉच टावर पर बिजली गिरने का एक्सक्लूसिव वीडियो दैनिक भास्कर के पास है। भास्कर को आमेर के ही रहने वाले रवि शर्मा ने यह वीडियो उपलब्ध करवाया है। यह वीडियो आमेर में पहाड़ियों की तलहटी में बसी एक कॉलोनी के घर की खिड़की से बनाया गया है। वीडियो में बिजली गिरते हुए दिख रही है। बिजली गिरते ही एक महिला के तेजी से चीखने की आवाज भी आ रही है। रविवार को आफत बनकर गिरी इस बिजली ने आमेर में घूमने आए 11 लोगों की जान ले ली थी।
रविवार को ही वीकेंड कर्फ्यू खत्म हुआ तो बारिश में घूमने निकले लोग
11 जून यानी रविवार को जयपुर में तेज गर्मी के बाद शाम 5 बजे अचानक मौसम बदला था। कुछ मिनटों में ही मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। राजस्थान में रविवार को ही वीकेंड कर्फ्यू खत्म हुआ था। इस वजह से ज्यादा लोग घूमने आमेर पहुंचे। इन लोगों में कुछ उत्साही युवक-युवतियां और बच्चे ऐसे भी थे, जो आमेर में मावठे के सामने अरावली पर्वतमाला पर 500 मीटर की ऊंचाई पर बने वॉच टावर (छतरियों) पर शहर का नजारा देखने पहुंच गए।
वॉच टावर पर 70 लोग थे, बारिश शुरू हुई तो आधे नीचे चले गए
यह हादसा और भयावह हो सकता था, यदि बारिश के कारण लोग नीचे नहीं जाते। घायलों से मिली जानकारी के मुताबिक, हादसे के वक्त वॉच टावर (छतरियों) पर करीब 70 से ज्यादा लोग मौजूद थे। शाम करीब पौने सात बजे तेज बारिश आफत बन गई। कुछ लोगों ने नीचे उतरना बेहतर समझा। पहाड़ी रास्तों पर तेजी से पानी बहने लगा था। नीचे उतरना मुश्किल हो गया। लोग जैसे-तैसे नीचे उतरे। वहीं, करीब 35 से 40 लोगों ने वॉच टावर पर बनी दोनों छतरियों पर ही रुकना मुनासिब समझा। जो रुक गए, वे हादसे का शिकार हो गए।
15 से 20 मिनट के बीच 2 बार वॉच टावर पर गिरी बिजली
बताया जा रहा है कि शाम करीब 7 बजकर 4 मिनट पर वॉच टावर पर पहली बार बिजली गिरी, जिससे वहां छतरियों पर बैठे लोगों की जान चली गई। वॉच टावर पर मौजूद लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ देर पहले हंसी-ठिठोली कर रहे कुछ चेहरे खून से लाल हो चुके थे।
चंद सेकेंड में ही कुछ जिंदगियां लाशों में तब्दील हो चुकी थीं। कुछ बेसुध होकर मिट्टी और पानी से सने पड़े थे, तो कुछ निढाल होकर अपनों की लाशों के बीच तड़प रहे थे। भास्कर पड़ताल में सामने आया कि करीब 15 से 20 मिनट के अंतराल पर दो बार बिजली गिरी। पहली बार बिजली गिरने से कुछ लोग बेसुध हो गए। कुछ की घबराहट में ही मौत हो गई। कुछ नीचे गिर पड़े। इस बीच वहां मौजूद लोग तेज बारिश में घायलों को संभालने लगे। तभी एक बार और बिजली गिर गई।
वॉच टावर पर बिखरे जूते और दीवारों पर लगे खून के निशान
थोड़ी ही देर में 11 लोगों के दम तोड़ने की जानकारी सामने आई। इसके अलावा कई अन्य लोग घायल हो गए थे। इनमें पंजाब, सीकर, सवाईमाधोपुर, जयपुर व आमेर के रहने वाले लोग शामिल थे। इसके बाद घाटगेट के रहने वाले इसरार ने होश आने पर पुलिस और परिजनों को फोन किया। रात करीब 8 बजे रेस्क्यू शुरू हुआ।
वॉच टावर से करीब एक किलोमीटर नीचे 11 शवों और 27 घायलों को नीचे लाने की कोशिशें शुरू हुईं। बारिश के बीच सिर्फ 2.5 फीट चौड़ी सीढ़ियों से घायलों को लाना बड़ी चुनौती थी, लेकिन सिविल डिफेंस, पुलिस, SDRF, स्थानीय लोगों और प्रशासन की अन्य टीमों ने मिल-जुलकर इस ऑपरेशन को पूरा किया। इस बीच वॉच टावर पर बिखरे जूते और दीवारों पर लगे खून के निशान हादसे के कई घंटे गुजरने के बाद भी भयावह मंजर को बता रहे थे।
आमेर पर वज्रपात की टाइम लाइन
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