राजस्थान में नवंबर में कोरोना के अब तक 265 केस सामने आ चुके हैं। स्कूली बच्चे लगातार पॉजिटिव आ रहे हैं। इसके पीछे दावा किया जा रहा है कि तीसरी लहर आ रही है, हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक प्रदेश में नया वैरिएंट सामने नहीं आया है। जो केस सामने आ रहे हैं, उस आधार पर जयपुर हॉट स्पॉट बन चुका है। नवंबर में अब तक मिले केस में से 58 फीसदी मामले जयपुर के हैं।
जयपुर SMS मेडिकल कॉलेज में RTPCR के साथ-साथ रैंडम केस की जीनोम सिक्वेसिंग की जांच भी करवाई जा रही है। पिछले 3 महीने के अंदर जयपुर के 750 से ज्यादा सैंपल की जांच करवाई गई है। इनमें एक भी सैंपल में नया वैरिएंट नहीं मिला है। जीनोम सिक्वेसिंग के लिए राजस्थान से लगभग 3500 सैंपल जयपुर समेत देश के दूसरे लैब में भिजवाए गए थे। इनमें भी नए वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है।
इस रिपोर्ट के आधार पर एक्सपर्ट यह दावा कर रहे हैं कि हाल ही में केस बढ़ने का कारण लापरवाही है, क्योंकि पिछले दिनों जितने भी जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच हुई है, उनमें से किसी में भी कोरोना का नया वैरिएंट नहीं मिला है। ये केस केवल लापरवाही के कारण बढ़ रहे हैं। जिस तरह शादी-समारोह व अन्य कार्यक्रमों में पाबंंदियां हटा दी है। लोगों ने मास्क पहनाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना छोड़ दिया है, इसी वजह से केस में इजाफा हो रहा है।
सबसे बड़ी लापरवाही मास्क छोड़ दिया, बच्चों के लिए बढ़ा खतरा
राजस्थान सरकार में कोरोना मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य रहे सीनियर डॉक्टर वीरेन्द्र सिंह के मुताबिक रूस, यूक्रेन समेत यूरोप के कई देशों में कोरोना के केस बढ़ने के पीछे बड़ा कारण डेल्टा वैरिएंट है। जो उन देशों के लिए नया वैरिएंट है। भारत में यह वैरिएंट दूसरी लहर आने का कारण बना था। वर्तमान में देश में अभी नया कोई वैरिएंट नहीं मिला है, लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। यह लापरवाही बच्चों पर सबसे ज्यादा भारी पड़ सकती है, क्योंकि बच्चों का अभी वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है। इसके अलावा ये लापरवाही उन लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है।
जयपुर बन रहा है हॉटस्पॉट
राजस्थान में जयपुर पहले की तरह धीरे-धीरे हॉट स्पॉट बन रहा है। जयपुर में पिछले 23 दिनों के अंदर 129 केस मिल चुके हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा केस अजमेर में 39 मिले हैं। अलवर में 12, नागौर और बीकानेर में 9-9 केस मिले है। वहीं बांसवाड़ा, भरतपुर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर और टोंक ऐसा जिला है, जिसमें नवंबर में अब तक कोरोना का एक भी केस नहीं मिला है।
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