प्रदेश में नेत्रदान-महादान अभियान के साथ आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान इस साल के अंत तक 10 हजार दृष्टिबाधितों के जीवन में रोशनी लाने का रिकाॅर्ड बनाएगा। पिछले 19 साल में 15,367 कॉर्निया कलेक्शन से 9863 दृष्टिबाधितों को रोशनी मिली है।
राजस्थान में उपयोगिता की दर 64 फीसदी है, जो देशभर के आई बैंकों से दस फीसदी ज्यादा है। आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान की ओर से कॉर्निया को खराब होने से बचाने के लिए अब तक देश के 10 राज्यों के 20 शहरों को उनकी डिमांड पर कॉर्निया भेजा जा रहा है।
कोरोनाकाल में भी आई बैंक सोसायटी की ओर से न केवल कॉर्निया कलेक्शन बल्कि ट्रांसप्लांट में अच्छा काम करने की देशभर में सराहना की जा रही है। इधर, राष्ट्रीय नेत्रदान जागरूकता पखवाड़ा का बुधवार को वर्चुअल समापन समारोह शाम 5 बजे आयोजित होगा।
समारोह के मुख्य अतिथि मुख्य सचिव निरंजन आर्य होंगे। इस मौके पर डीजीपी मोहन लाल राठी, चिकित्सा सचिव सिद्वार्थ महाजन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सुधीर भंडारी समेत अनेक अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की लगभग 5% आबादी अकेले कॉर्नियल रोगों के कारण अंधी है। देश में लगभग 68 लाख लोग कम से कम एक आंख में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित हैं। इनमें से 10 लाख लोग अपनी दोनों आंखों से नहीं देख पाते हैं।
आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान देश का पहला कम्यूनिटी आई बैंक है, जो सेवानिवृत्त अधिकारियों और समाज के सेवाभावी लोगों से संचालित किया जा रहा है। इस साल के अंत तक 10 हजार दृष्टिबाधितों के जीवन में रोशनी लाने का रिकाॅर्ड कायम होगा।
- बी.एल.शर्मा, अध्यक्ष, आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान
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