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करधनी इलाके में 14 दिन पहले हथियार की नोंक पर बैंक कियोस्क संचालक दिनेश सैनी को बंधक बनाकर ढाई लाख रुपए की लूट करने वाले गैंग का खुलासा करते हुए करधनी थाना पुलिस ने सरगना सहित पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी राजवीर उर्फ राजीव उर्फ राजवा हरियाणा के रोहतक स्थित लावन माजरा, अमित उर्फ लक्की हरियाणा के सोनीपत स्थित गोहाना, जगदीप सोनीपत के बरोदा, निखिल रोहतक के कलानोर व दातार सिंह नागौर के डिडवाना स्थित पावटा के रहने वाले है।
गैंग में शामिल ब्रह्मपुरी थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश देवेन्द्र उर्फ देबू अभी तक फरार चल रहा है। पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से कार, एक पिस्टल लोडेड मैग्जीन, देशी कट्टा व दस कारतूस बरामद किए है। आरोपियों ने अब तक तीन बड़ी डकैती की वारदाते कबूली है।
डीसीपी प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने दिसम्बर में पानीपत में भावना चौक स्थित बैंक कियोस्क से 9.75 लाख की लूट की वारदात को अंजाम देकर फरारी के लिए जयपुर आ गए थे। यहां ब्रह्मपुरी थाने हिस्ट्रीशीटर बदमाश देवेन्द्र से संपर्क किया और डिडवाना निवासी दातार सिंह से संपर्क करके जोधपुर पहुंच गए, जहां पर किराये के मकान में रहकर फरारी काटी। उसके बाद 2 फरवरी को किसी कार मांगकर वापस जयपुर आए और रैकी करके लूट की वारदात को अंजाम दिया।
बदलापुर; पैरोल से फरार होकर गैंग बनाई, गिरोह का हर सदस्य लेना चाहता है ‘अपनों’ की मौत का बदला
सरगना राजवीर ने अवैध संबंधों की आशंका के चलते वर्ष 2016 में अपनी पत्नी की हत्या कर दी, जिसमें वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। आरोपी पिछले एक अप्रैल को पैरोल से फरार हो गया। जेल में बने एक दोस्त के जरिए ही देवेन्द्र व दातार से मिला था।
आरोपी पैरोल से फरार होते ही पत्नी से अवैध संबंध रखने वाले और भाई के हत्यारों से बदला लेने के लिए गैंग बनाई और लूट की वारदाते करना शुरू कर दिया। जगदीप पर मारपीट के प्रकरण दर्ज है। उसने भी पिता के हत्यारों का बदला लेने के लिए इस गैंग से जुड़ा था।
ऐसे पकड़े गए
एसीपी हरिशंकर शर्मा ने बताया कि वारदात के बाद गठित टीम ने घटनास्थल से रिंग्स तक करीब 1500 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले, जिससे बदमाशों का मूवमेंट का पता चल गया, लेकिन बदमाशों की पहचान का सुराग नही लगा। टीमों ने घटना के दो दिन पहले के फुटेज खंगाले तो कांस्टेबल मालीराम को कार के नंबर मिल गए।
कार जोधपुर के विक्रम सिंह के नाम से थी। टीम जोधपुर पहुंची तो पता चला कि कार किसी के जरिए दातार सिंह को दी हुई है। उसके बाद बदमाशों की पहचान हुई तो पता चला कि वापस वारदात करने के लिए जयपुर जा रहे है। तब पुलिस टीमों हाइवे पर नाकाबंदी करके दबोच लिया। टीम में विनोद मीणा, विक्रम सिंह, फूलचंद, अमित सिंह, बलराम, लक्ष्मीकांत, मालीराम, राकेश कुमार, अजेन्द्र सिंह, बाबूलाल, रामसिंह, नरेश, योगेश, शंकर लाल व डीएसटी टीम के सदस्य शामिल थे।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम: इस गैंग ने दिसम्बर पानीपत में वारदात करके फरारी के लिए जयपुर पहुंचे, जहां पर ब्रह्मपुरी के देवेन्द्र के पास आए। 4 दिन रूकने के बाद दातार सिंह से संपर्क करके जोधपुर पहुंच गए, जहां पर किराये के मकान लेकर रहने लगे।
उसके बाद 2 फरवरी को लूट के लिए जयपुर पहुंच गए। यहां पर वारदात को अंजाम देने के बाद देवेन्द्र के सहयोग से बदमाश जीण माता पहुंच गए, जहां पर रात को फर्जी आईडी देकर धर्मशाला में रुक गए। अगले दिन डिडवाना में पेट्रोल पंप पर 70 हजार रुपए लूटकर जोधपुर भाग गए।
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