जोधपुर दंगों की इन्वेस्टिगेशन की पहली कड़ी में हमने बताया कि जोधपुर दंगों को किस तरह प्लान किया गया था। आज दूसरी कड़ी में जानिए- जोधपुर दंगों का करौली कनेक्शन। 3 दिन से ग्राउंड जीरो पर डटी भास्कर की टीम ने दंगे के पैटर्न का एनालिसिस किया तो 3 बात सामने आईं।
पहली- जोधपुर में भी करौली की तरह ही दंगों को अंजाम दिया गया।
दूसरी- प्लान एक जैसा था लेकिन, दंगाइयों ने इस बार बड़े स्केल पर आतंक मचाया। करौली में जहां दंगा सिर्फ एक इलाके तक सीमित था, वहीं, जोधपुर में दंगाई शहर के 5 भीतरी इलाकों में घुस गए।
तीसरी- पुलिस ने करौली से सबक नहीं लिया और यहां भी कई घंटों तक स्थिति कंट्रोल नहीं कर पाई…जिसका नतीजा आज जोधपुर भुगत रहा है। 3 दिन बाद भी लोग अपने ही घरों में कैद हैं।
पढ़िए-जोधपुर दंगों के करौली कनेक्शन और पुलिस फेलियर से जुड़ी पूरी रिपोर्ट…
5 पाॅइंट्स में समझिए, जोधपुर दंगों का करौली कनेक्शन
1. वहां नव संवत्सर, यहां ईद-अक्षय तृतीया का दिन चुना
करौली: नव संवत्सर पर रैली निकलनी थी। दंगाइयों को रैली का रूट पता था और ये भी पता था कि बड़ी संख्या में लोग उसमें शामिल होंगे।
जाेधपुर: दंगे भड़काने के लिए ईद-अक्षय तृतीया का दिन चुना। दंगाई जानते थे इस दिन दंगों का ज्यादा बड़ा इंपैक्ट होगा।
2. वहां पत्थर जमा किए, यहां तेजाब की बोतलें
करौली: दंगाइयों ने घरों की छतों पर पहले से पत्थर इकट्ठे कर रखे थे। दंगों के 24 घंटे बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया छतों से कई टन पत्थर बरामद हुए।
जोधपुर: घरों और दुकानों पर सामान्यतः न मिलने वाली तेजाब की बोतलें उस दिन दर्जनों दंगाइयों के हाथों में थी। इससे साफ है कि दंगे के लिए पहले से तेजाब की बोतलें जमा कर रखी थीं।
3. दोनों जगह बाहर से आए लोगों ने कराए दंगे
करौली: बाइक रैली में शामिल लोग पथराव से बचने की कोशिश कर रहे थे, इसी दौरान मुंह पर नकाब बांधे दंगाई आए और तलवारों-सरियों से हमला कर दिया।
जोधपुर: जालोरी गेट पर झंडा लगाने आए लोग दूसरे क्षेत्र से आए थे। हंगामा करने के बाद वे बाइकों व गाड़ियों से फरार हो गए थे। दोनों पक्ष के लोगों ने भी यही कहा कि दंगाई बाहरी थे।
4. वहां दुकानों में आग लगाई, यहां मकानों को बनाया निशाना
करौली: दंगाइयों ने 1 मकान व 35 दुकानों में आग लगा दी। 30 से ज्यादा वाहन तोड़े।
जाेधपुर: 50 से ज्यादा घरों पर पथराव किया। 40 से ज्यादा वाहन तोड़े, जिनमें पुलिस की गाड़ियां भी थी।
5. दोनों जगह पुलिस पर भी किया हमला
करौली: 40 से ज्यादा लोग घायल, जिनमें चार पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
जोधपुर: 50 से ज्यादा लोग घायल हुए। डीसीपी, एसएचओ समेत 9 पुलिसकर्मी घायल।
5 गलतियां जो पुलिस ने करौली के बाद जोधपुर में भी दोहराई
1. इंटेलिजेंस फेलियर
करौली: नव संवत्सर पर दंगा पहले से प्लान था, लेकिन पुलिस इसे भांप नहीं पाई।
जोधपुर: यहां भी दंगा प्री प्लांड था, लेकिन इसे भांपने में इंटेलिजेंस फेल साबित हुआ।
2. स्थिति समझ नहीं पाए
करौली: संवेदनशील इलाका होने के बावजूद पुलिस ने रूट डायवर्ट नहीं किया, जबकि रुट डायवर्ट कर दंगे को टाला जा सकता था।
जोधपुर: ईद पर हर बार संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। इस बार जालोरी गेट पर हंगामे के कारण संवेदनशील इलाकों में जाब्ता नहीं लगाया। इसी का फायदा उठाकर दंगाई 3 घंटे तक आतंक मचाते रहे। सोजती गेट पुलिस चौकी से महज 500 मीटर दूर सोनारों का बास में सबसे ज्यादा हंगामा हुआ।
3. दोनों जगह बिना तैयारी गई पुलिस
करौली: विवाद भड़कने की आशंका के बावजूद अधिकारियों ने रैली के लिए महज 30 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई। नतीजा- जब उपद्रव बढ़ा तो पुलिस रोक नहीं पाई।
जोधपुर: 2 मई की रात दोनों पक्षों में विवाद के बाद पथराव हुआ। बिना तैयारी गई पुलिस मामला शांत नहीं करा पाई। कई बार पुलिस को मौके से जान बचाकर भागना पड़ा। कई पुलिस अधिकारी व जवान घायल हुए।
4. वहां ड्रोन से निगरानी नहीं, यहां कर्फ्यू में देरी
करौली: सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने ड्रोन से निगरानी नहीं कराई। ऐसा करते तो छत पर रखे टनों पत्थरों और दर्जनों लाठी-सरियों के बारे में पहले पता चल जाता और उपद्रव को रोका जा सकता था।
जोधपुर: 2 मई को रातभर हंगामे के बावजूद न पुलिस ने दंगाइयों को गिरफ्तार किया, न कर्फ्यू लगाया। इसी वजह से तीन मई को सुबह हजारों भीड़ जमा हो गई और स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो गई।
5. एक्शन प्लान सिर्फ दंगाइयों के पास था
करौली: दंगों के महज आधे घंटे बाद पुलिस अधिकारी व जाब्ता मौके पर पहुंच गए। पुलिस के सामने दंगाई दुकानें जलाते रहे, पथराव करते रहे।
जोधपुर: जालोरी गेट चौराहे जब सैकड़ों की तादाद में लोग प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस के कई बड़े अफसरों सहित 200 से ज्यादा का जाब्ता भीड़ को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था। इसी का फायदा उठाकर दंगाई भीतरी शहर में घुसे और 5 इलाकों में घंटों आतंक मचाया।
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