जयपुर में मंगलवार को राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स और पुलिस के बीच झड़प हो गई। डॉक्टर विधानसभा की ओर जा रहे थे। झड़प के बाद पुलिस ने वाटर कैनन चलाकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की। एक दिन पहले भी डॉक्टर्स पर लाठीचार्ज हुआ था।
इसके विरोध में डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है। डॉक्टर्स का आरोप है कि सरकार ने उनकी शर्तों और सुझावों को बिल में शामिल नहीं किया है। इस कारण यह पूरा बिल ही हेल्थ सिस्टम का विरोधी दिख रहा है।
डॉक्टर्स ने बिल के खिलाफ रातभर जयपुर के स्टैच्यू सर्किल पर धरना दिया। इनके सपोर्ट में अब सवाई मानसिंह अस्पताल के रेजिडेंट और सीनियर डॉक्टर्स भी आ गए हैं। मंगलवार को बिल विधानसभा में पास हो भी गया।
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में डॉक्टरों से आंदोलन वापस लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं सभी डॉक्टर्स से व्यक्तिगत तौर पर भी अपील कर रहा हूं कि सरकार की सोच सकारात्मक है और इसे सेवा का कार्य समझते हुए काम पर लौट आएं।
डॉक्टर्स के प्रदर्शन के चलते मरीजों की परेशानी बढ़ी
प्राइवेट हॉस्पिटल में ओपीडी प्रभावित होने के बाद आज से सरकारी हॉस्पिटल में भी मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (JARD) नरेंद्र डामोर ने बताया- आज एसएमएस हॉस्पिटल और उससे अटैच दूसरे हॉस्पिटल (जेके लोन, जनाना, सांगानेरी गेट) में भी रेजिडेंट्स काम नहीं कर रहे हैं। जयपुर के अलावा बीकानेर, उदयपुर, कोटा और अन्य जिलों से भी रेजिडेंट डॉक्टरों की यूनियन ने इस बिल के विरोध में अपना समर्थन दिया है।
सीनियर डॉक्टर भी पहुंचे आंदोलन में
आंदोलन में एसएमएस कॉलेज के सीनियर डॉक्टर और प्रोफेसर भी शामिल हो गए हैं। डॉ पुनीत सक्सेना, डॉ पवन सिंघल, डॉ धनंजय अग्रवाल भी प्रदर्शन में शामिल हुए। 8 डॉक्टरों का प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मिलकर लौटा। डॉ विजय कपूर ने बताया- हमने वहां बिल को वापस लेने की मांग की है। राज्यपाल ने कहा कि मैं आपकी भावनाओं को ध्यान में रखकर आपकी बात आगे पहुंचाऊंगा।
चिरंजीवी और आरजीएचएस स्कीम में नहीं करेंगे इलाज
इधर, बिल विधानसभा में पास हो गया। प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ विजय कपूर ने कहा- अब हम भविष्य में चिरंजीवी और आरजीएचएस स्कीम (राजस्थान गवर्मेंट हेल्थ स्कीम) के तहत कैशलेस इलाज नहीं करेंगे।
बातचीत बेनतीजा रही, लाठीचार्ज हुआ तो धरने पर बैठे डॉक्टर
प्रदेशभर के सभी जिलों के प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक और उनमें सेवाएं देने वाले डॉक्टरों का समूह सोमवार को जयपुर पहुंचा था। यहां उन्होंने एसएमएस हॉस्पिटल स्थित जेएमए सभागार से रैली निकाली। विधानसभा कूच किया था, लेकिन स्टैच्यू सर्किल पहुंचने पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उनको रोक दिया।
यहां पुलिस और डॉक्टरों के बीच विवाद हो गया, इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके विरोध में डॉक्टर कल स्टैच्यू सर्किल पर ही धरने पर बैठ गए। चलते सरकार ने डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल को भी बातचीत के लिए बुलाया। जहां उनकी हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा से बात हुई। यहां डॉक्टरों ने केवल एक ही बात कही और वह बिल वापस लिया जाए।
जानिए क्या है बिल में
राइट टू हेल्थ में क्या कवर होगा?
राइट टू हेल्थ में लोगों को मिलेंगी ये सुविधाएं
शिकायत निवारण सिस्टम डेवलप होगा
स्टेट हेल्थ अथॉरिटी, हर जिले में डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी बनेगी
राजस्थान में स्टेट हेल्थ अथॉरिटी बनेगी। जिसमें जॉइंट सेक्रेटरी या उससे ऊपर रैंक का आईएएस अधिकारी अध्यक्ष होगा। हेल्थ डायरेक्टर मेंबर सेक्रेटरी होंगे। जबकि मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर, राजस्थान स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसी के जॉइंट सीईओ, आयुर्वेद डायरेक्टर, होम्योपैथी डायरेक्टर, यूनानी डायरेक्टर सदस्य होंगे।
सरकार की ओर से नॉमिनेटेड दो लोग जिन्हें पब्लिक हेल्थ और हॉस्पिटल मैनेजमेंट की नॉलेज हो, वह मेंबर होंगे। पदेन सदस्य के अलावा सभी मेंबर्स की नियुक्ति 3 साल के लिए होगी। 6 महीने में कम से कम एक बार हेल्थ अथॉरिटी की बैठक होगी। साल में 2 बार बैठक करनी होगी।
राजस्थान के सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी भी बनाई जाएगी। स्टेट हेल्थ अथॉरिटी बनने की तारीख से 1 महीने के अंदर डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी की ऑटोनॉमस बॉडी बनाई जाएगी। इसमें जिला कलेक्टर पदेन अध्यक्ष होगा। जिला परिषद सीईओ पदेन सह अध्यक्ष होगा।
डिप्टी सीएमएचओ पदेन सदस्य, जिला आयुर्वेद अधिकारी और पीएचईडी के एसई पदेन सदस्य होंगे। राज्य सरकार करी ओर से नॉमिनेटेड दो मेंबर सदस्य होंगे। जिला परिषद का प्रमुख इसका सदस्य होगा। साथ ही पंचायत समितियों के 3 प्रधान सदस्य होंगे। पदेन मेंबर्स के अलावा सभी सदस्यों की नियुक्ति 3 महीने के लिए होगी।
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हंगामे के बीच विधानसभा में पास हुआ राइट-टू-हेल्थ बिल
राइट टू हेल्थ बिल को लेकर सड़क से लेकर विधानसभा तक में हंगामा मचा हुआ है। डॉक्टर्स से लेकर नर्सिंगकर्मी इस बिल को पास न करने के लिए विरोध में उतर गए हैं। उधर, मंगलवार को विधानसभा में इस बिल को लेकर बहस के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई। काफी हंगामे के बाद आखिरकार मंगलवार को विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल पास हो गया। स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा बोले- भगवान राम को भी इमरजेंसी आई थी। जब लक्ष्मण को शक्ति लगी थी। दुश्मन रावण के वैद्य ने आकर इलाज किया था। यह होता है डॉक्टर का धर्म। (पूरी खबर पढ़ें)
जयपुर में डॉक्टर्स को पुलिस ने पीटा, कपड़े फाड़े:राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ विधानसभा घेरने जा रहे थे, रास्ते में रोका
राज्य सरकार के 'राइट टू हेल्थ' बिल का विरोध कर रहे डॉक्टर्स को जयपुर में पुलिस ने जमकर पीटा। विधानसभा का घेराव करने निकले डॉक्टर्स को पुलिस ने पहले तो रोकने की कोशिश की। डॉक्टर्स बेकाबू हुए तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। कई प्रदर्शनकारियों के कपड़े तक फाड़ दिए। इसमें कई डॉक्टर्स लहूलुहान हो गए हैं। आरोप है कि पुलिस ने महिला डॉक्टर्स के साथ भी बदसलूकी की है। (पूरी खबर पढ़ें)
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