जयपुर में एक विवाहिता के साथ गैंगरेप करने का मामला सामने आया है। मामले में दो आरोपी पिता पुत्र होने की बात सामने आई है। वे घटना के बाद फरार चल रहे है। इस संबंध में महिला ने दो महीने से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद कानोता थाने में 12 जनवरी को केस दर्ज करवाया है। जिसकी जांच बस्सी एसीपी मेघचंद मीणा कर रहे है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार करीब 30 साल की महिला कानोता इलाके में जयपुर आगरा रोड पर एक बस्ती में रहती है। वह पति के साथ मजदूरी कर परिवार का पेट पालती है। उसका कहना है कि पिछले साल नवंबर माह में उसे रुपयों की जरुरत थी। लेकिन काम नहीं मिल रहा था। तब ठेकेदारी करने वाले गिर्राज, गंगाधर और गिरधारी नाम के व्यक्तियों ने उसे काम दिलवाने का आश्वासन दिया।
इंदौर में हाइवे किनारे जंगल में नशीला पेय पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म, मरा समझकर भागे
पीड़िता के मुताबिक तीनों आरोपी उसे बगराना से मध्यप्रदेश लेकर चले गए। वहां इंदौर में किसी सूनसान जगह पर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। इसके बाद तीनों आरोपियों ने विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। उसका कहना है कि बदमाशों ने यह वारदात किसी सड़क किनारे जंगल में की।
काफी संघर्ष करने के बाद भी वह खुद को दुष्कर्मियों के चंगुल से छुड़ा नहीं सकी। इसके बाद गला दबाकर उसकी हत्या करने का प्रयास भी किया। वह निढाल हो गई। तब उसे मरा हुआ समझकर तीनों आरोपी वहां से भाग निकले। होश में आने पर पीड़िता ने राहगीरों की मदद ली। उसने अपने पति से संपर्क कर आपबीती बताई। तब पति व अन्य परिजन उसे इंदौर से जयपुर लेकर आए।
एक महीने बाद कोर्ट इस्तगासे से केस दर्ज, खुद थाने नहीं पहुंची
एसीपी मेघचंद के मुताबिक महिला ने कोर्ट इस्तगासे के जरिए तीनों आरोपियों के खिलाफ कानोता थाने में केस दर्ज करवाया है। उसके बयान दर्ज कर आरोपियों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। साथ ही, पीड़िता का मेडिकल मुआयना करवाकर घटनास्थल की तस्दीक भी की जाएगी। इससे सच्चाई सामने आ सके। एसीपी के मुताबिक महिला ने मुकदमा दर्ज करवाने में 2 महीने की देरी क्यों की। इसके बारे में ज्यादा कुछ बोला नहीं है। इससे पहले वह खुद पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाने नहीं आई थी। गैंगरेप में दो आरोपी पिता-पुत्र होने की जानकारी सामने आई है।
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