मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमरे में बंद रहने के बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया है। साथ ही सीएम ने नाम लिए बिना पायलट खेमे को भी निशाने पर लिया। सीएम गहलोत ने कहा कि हमारे विपक्षी लोग कहते हैं कि सीएम कमरे में बंद हैं। अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और अन्य लोगों की कृपा से हम 34 दिन होटलों में रहे तो बंद कैसे रहे। आप लोगों की बड़ी कृपा रही। हमारे विधायकों की कृपा से वो टाइम भी निकल गया।
सीएम गहलोत ने कहा कि हमारे सीएस महोदय, ब्यूरोक्रेट सबसे पहले चिंतित होते हैं कि पता नहीं सरकार रहेगी या नहीं। सचिवालय में भी पहले यही चर्चा होती है। कामकाज बंद और चर्चा शुरू हो जाती थी। हम उस हालत में चल रहे थे कि सरकार रहेगी या नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार पूरे पांच साल चलेगी। पांच साल ही नहीं अगली बार सरकार वापस बनेगी। धारीवाल जी को इसी विभाग का मंत्री बनाऊंगा। सेम पोर्टफोलियो इनके पास होगा। इन्होंने बहुत मेहनत की है। पब्लिक भी इस बार तय कर चुकी है। सीएम गांधी जयंती पर प्रशासन गांवों के संग अभियान और प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत पर बोल रहे थे।
अभी तक एंटी इंकम्बेंसी नहीं, हमारी पार्टी के लोग ही कई बार बातें कर देते हैं
सीएम गहलोत ने कहा कि अभी तक कोई एंटी इंकम्बेंसी पैदा नहीं हुई है। कुछ हमारे पार्टी के साथी जरूर इधर उधर की बात कई बार कर देते हैं। हमने काम में कोई कमी नहीं रखी। पता नहीं आगे क्या होगा, लेकिन इस बार जनता का मूड वापसी का है। दो बार में एक बार हम 56 पर आए, दूसरी बार 21 पर। हमने दोनों बार काम में कोई कसर नहीं रखी थी। अब लगता है रिपीट होंगे।
मेरा अभी 15-20 साल कुछ नहीं बिगड़ेगा, किसी को दुखी होना हो तो हों
सीएम गहलोत ने कहा कि आर्टरी में ब्लॉकेज के बाद इलाज हो गया। पूरे प्रदेशवासियों की दुआएं काम आई हैं। मुझे अब कुछ होने वाला नहीं है। 15-20 साल कुछ नहीं होगा, किसी को दुखी होना हो तो हों। विपक्ष वाले बोलते हैं कि घर में बैठ गया। गहलोत के इस बयान को सचिन पायलट पर कटाक्ष के तौर पर देखा जा रहा है।
गवर्नर साहब लंबी पारी खेल चुके हैं, केवल मुख्यमंत्री बनना बाकी रहा
सीएम गहलोत ने कहा कि विपक्ष के साथियों को हम साथ लेकर चलते हैं। बीजेपी आरएसएस ने 60 साल बाद गांधी को अपनाया है। गांधी की हत्या करने वाला भी इन्हीं की विचारधारा का था। मोहन भागवत, पीएम मोदी और अमित शाह से कहना चाहूंगा कि वे अब देश से माफी मांगे या न मांगें, लेकिन आपके दिल में वही भाव आने चाहिए, जिसकी आप शपथ लेते हो। सत्य, अहिंसा, धर्मनिरपेक्षता के।
गवर्नर साहब तो आजकल इसका ध्यान रखते हैं। वे लंबी पार खेल चुके हैं। केवल मुख्यमंत्री बनना बाकी रहा था। पंडित नेहरू हस्ती थी। अब मन से गांधी को अपना लें तो आधी समस्याएं जो राष्ट्रवाद, लव जिहाद के नाम पर पैदा हुई हैं वो मिट जाएंगी।
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