राज्य सरकार ने हजारों काॅलोनियों को बड़ी राहत दी है। अब जिस काॅलोनी में सुविधा क्षेत्र की भूमि खुर्द-बुर्द होगी, उसमें भी फैसिलिटी सेस लेकर भूखंडधारकों को पट्टे दिए जा सकेंगे। काॅलोनियों में भी यही किया जाएगा। यूडीएच ने नया आदेश जारी 40 प्रकार के नए प्रावधान किए हैं जो नियम में शिथिलता से जुड़े हैं।
एक लाख से अधिक आबादी के शहरों में जोनल प्लान के अनुसार व 1 लाख तक आबादी के शहर में मास्टर प्लान के अनुसार स्थानीय एम्पावर्ड कमेटी द्वारा ले आउट प्लान स्वीकृत किए जाकर पट्टे दिए जा सकेंगे।
नए आदेश के अनुसार स्वीकृत योजना में सुविधा क्षेत्र के बराबर भूमि उसी योजना अथवा भूमि उपलब्ध नहीं होने पर समीपवर्ती क्षेत्र में चिन्हीकरण की जा सकती है। सुविधा क्षेत्र की कमी की पूर्ति के लिए भूखंडधारकों से अनुपातिक फेसेलिटी सेस आरक्षित दर या डीएलसी दर की 25 प्रतिशत में जो भी कम हो लिया जाएगा।
इसी तरह काॅलोनियों में 25 प्रतिशत से अधिक भूखंडों पर निर्माण होने पर सुविधा क्षेत्र 16 जून 1999 से पूर्व की काॅलोनी में 30 प्रतिशत तथा बाद की काॅलोनियों में 40 प्रतिशत से कम होने पर सुविधा क्षेत्रफल का फेसेलिटी सेस सभी भूखंडों से लेकर पट्टे दिए जावे।
बिल्डरों और पृथ्वीराज नगर के लिए अलग प्लान
निजी बिल्डरों द्वारा वर्षों से भू्खंड आवंटन के बाद भी रिकाॅर्ड जेडीए में जमा नहीं कराए हैं। ऐसे प्रकरणो में 30 अक्टूबर 2021 तक निजी बिल्डरों द्वारा निकाय में रिकाॅर्ड जमा नहीं करवाया जाता है तो इस तारीख के बाद भूखंडधारियों से सीधे तौर पर विकास समिति गठित कर भूमि का ब्योरा मय उपलब्ध दस्तावेज जेडीए में जमा कराए जा सकेंगे। जेडीए सर्वे कर ले आउट प्लान तैयार करेगा और ऐसे भूखंडधारियों को 31 मार्च 2022 तक पट्टे जारी किए जाएंगे। यह कार्यवाही जयपुर के पृथ्वीराज नगर योजना में भी की जाएगी।
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