जयपुर, अजमेर व टोंक जिलों के 3000 गांव और 20 कस्बों के 1.10 करोड़ की आबादी की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध का जलस्तर 310.12 मीटर पर पहुंच गया है। यह पिछले साल के मुकाबले आधा मीटर कम है। 6 मई 2021 को जल स्तर 310.61 मीटर था। असर यह कि हर जून के आखिरी सप्ताह में 1500 ट्यूबवैल शुरू होते थे, लेकिन इस साल मई मे ही 3252 ट्यूबवेल शुरू करना पड़ा। बांध का जल स्तर रोजाना 2 सेमी कम हो रहा है। बांध से रोजाना 9697 लाख लीटर पानी निकाला जा रहा है। इस हिसाब से सिर्फ 2 माह का जल बांध में है।
शहर में रोज 4850 लाख ली. पानी बीसलपुर से सप्लाई
शहर में 6750 लाख लीटर पानी सप्लाई है। इसमें से 4850 लाख लीटर पानी बीसलपुर और 1900 लाख लीटर पानी ट्यूबवेल से मिल रहा है। 3252 ट्यूबवेल से भूजल दोहन किया जा रहा है।
पिछले साल से भी बांध में कम पानी
यानी बांध पिछले साल आधा मीटर ज्यादा भरा हुआ था। इसके बावजूद जुलाई में बांध का जल स्तर बहुत कम होने से जलदाय विभाग के इंजीनियरों की चिंता बढ़ गई थी। इस साल अब अच्छे मानसून पर ही आस टिकी हुई है।
12 साल में दो बार सूख चुका है बांध
जुलाई 2019 में बांध में केवल 304.88 आरएल मीटर पानी ही रह गया था। बीसलपुर बांध के 16 साल में से 12 बार खाली रहने व 2 बार सूखने की स्टडी है।
बांध में सितंबर तक के लिए पर्याप्त पानी : चीफ इंजीनियर
जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल का कहना है कि शहर में उपभोक्ता को पूरा पानी देने की प्लानिंग है। बीसलपुर बांध व ट्यूबवेल से पेयजल सप्लाई की जा रही है। बांध से सितंबर तक पानी मिलता रहेगा। इससे पहले मानसून की बारिश आ जाएगी।
बांध की ऊंचाई - 315.50 आरएल मीटर वर्तमान पानी - 311 आरएल मीटर बांध की भराव क्षमता - 38.7 टीएमसी पेयजल के लिए आरक्षित - 16.2 टीएमसी सिंचाई के लिए - 8 टीएमसी
732 ट्यूबवेल की खुदाई की जा रही है, 3 साल में 2800 ट्यूबवैल खोदे गए हैं
जयपुर शहर के ज्यादातर इलाके बीसलपुर प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं। बीते तीन साल से बांध में पानी की आवक कम होने के कारण 2800 ट्यूबवेल खोदे जा चुके हैं। 2019 में सबसे ज्यादा 732 ट्यूबवेल खोदे। इस साल 270 ट्यूबवेल खोदे जा रहे हैं। यानी करीब 250 लाख रुपए खर्च हो जाएंगे।
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