टोक्यो पैरालिंपिक में जयपुर के बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने दुनियाभर में भारत का नाम रोशन कर दिया है। एक्स SH-6 कैटेगरी में हुए रोमांचक मुकाबले में कृष्णा ने हांगकांग के चू मान केई को करारी शिकस्त देकर गोल्ड मेडल जीत लिया है। कृष्णा राजस्थान के दूसरे खिलाड़ी है, जिन्होंने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले शूटिंग में अवनि लेखरा ने गोल्ड जीता था।
इससे पहले कृष्णा नागर ने शनिवार को ग्रेट ब्रिटेन के क्रिस्टन कूंब्स को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। कृष्णा पैरालिंपिक में मेडल लाने वाले राजस्थान से चौथे खिलाड़ी बन गए हैं। कृष्णा ने अपने खेल से ब्रिटेन के खिलाड़ी को काफी परेशान किया। उन्होंने पहला गेम 21-10 और दूसरा गेम 21-11 से जीतकर फाइनल में जगह बनाई। कृष्णा के शॉट्स के वैरिएशन का विरोधी के पास कोई जवाब नहीं था।
क्या होता है SH-6 कैटेगरी
SH-6 कैटेगरी में वह खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिनकी लंबाई नहीं बढ़ती। कृष्णा की भी लंबाई नहीं बढ़ रही थी। 2 साल की उम्र कृष्णा की रही होगी, तभी उसकी इस बीमारी के बारे में परिवार को पता चला। धीरे-धीरे कृष्ण बड़ा हुआ। उसने खुद को पूरी तरह खेल को समर्पित कर दिया। वह रोज घर से 13 किमी दूर स्टेडियम जाकर ट्रेनिंग किया करता था।
घर पर खुशी का माहौल
कृष्णा के फाइनल में पहुंचने पर जयपुर के प्रतापनगर सेक्टर 6 में उनके परिवार में खुशी का माहौल है। कृष्णा के पिता सुनील नागर ने बताया कि लंबे वक्त से कृष्णा हर दिन पैरालिंपिक के लिए मेहनत कर रहा था। उसी का नतीजा है कि आज उसने में मेडल जीता है। हमें पूरी उम्मीद है कि कृष्णा भविष्य में भी अच्छा परफॉर्म कर भारत का नाम दुनिया में रोशन करेगा।
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