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  • Identification Of Infections Like Corona, Ebola And Congo Fever Will Be Easy, 22 Posts Have Been Approved For The Establishment Of Institute Of Tropical Medicine And Virology

एक ही छत के नीचे मिल सकेगा इलाज:कोरोना, इबोला और कांगो फीवर जैसे संक्रमण की पहचान होगी आसान,इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसन एंड वायरोलोजी की स्थापना के लिए 22 पदों की मिली स्वीकृति

जयपुरएक वर्ष पहलेलेखक: सुरेन्द्र स्वामी
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जानलेवा और खतरनाक कोरोना, स्वाइन फ्लू, इबोला, कांगो फीवर जैसे नए-नए संक्रमण की पहचान कर इलाज आसान हो जाएगा। साथ ही बीमारियों पर शोध से मौत के मुंह में जाने वाले मरीजों को भी बचाया जा सकेगा। मेडिकल शिक्षा ग्रुप-प्रथम की ओर से करोड़ों की लागत से बनने वाले इंस्टीट़्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसन एंड वायरोलोजी के लिए 22 पदों की स्वीकृति मिलने पर राह खुलती नजर आ रही है।

ट्रॉपिकल मेडिसन और वायरोलोजी दोनों के लिए 11-11 पद हैं, जो एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अधीन रहेगा। इसमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और नर्स ग्रेड के पद शामिल हैं। पदों पर राजस्थान चिकित्सा सेवा (कॉलेजिएंट ब्रांच) नियम 1962 के प्रावधान लागू होंगे। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में संस्थान की घोषणा की है।

इंफेक्शन से जुड़े मरीजों का प्रोटोकॉल के तहत इलाज, जांच के लिए सैंपल नहीं भेजने होंगे बाहर
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी का कहना है कि नेशनल लेवल पर मरीजों के इलाज के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित कर प्रोटोकॉल बनाए जा रहे हैं। संक्रमित बीमारी से पीड़ित मरीजों को ओपीडी, इनडोर और जांच सुविधा एक ही छत के नीचे मिलेगी। जांच के लिए सैंपल भी बाहर नहीं भेजने पड़ेंगे।

यहां भी बनेंगे सेंटर
एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के अलावा जेएलएन अजमेर, जोधपुर, बीकानेर, आरएनटी उदयपुर और कोटा मेडिकल कॉलेज में भी ट्रॉपिकल सेंटरों के लिए हर कॉलेज को 30-30 करोड़ रुपए की राशि दिया जाना प्रस्तावित है।

प्रदेश में मिल रहे रिकार्ड केस

  • कोरोना के अब तक 12,61,000 संक्रमित में से 9448 की मौत
  • 2021 में डेंगू के 20141 में से 62 की मौत, स्क्रब टाइफस के 1900 में से 6 की मौत
  • 2021 में मलेरिया के 925, चिकनगुनिया के 1044 पॉजिटिव मिले
  • 2019 में ब्रूसेलोसिस के 122 केस, जापानी एनसिफेलाइटिस के दो और कांगो फीवर के दो केस

हिपेटाइटिस-बी पॉजिटिव मां के शिशु को लगेगा निशुल्क एचबीआईजी
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सरकार की ओर से हिपेटाइटिस-बी पॉजिटिव मां के नवजात को हिपेटाइटिस-बी इम्यूनो ग्लोबुलिन (एचबीआईजी) निशुल्क लगाने की तैयारी कर रही है। बाजार में .5 एमएल का करीबन 5 हजार रुपए में मिलता है। साथ ही हैल्थ केयर वर्करों की स्क्रीनिंग कर निशुल्क टीकाकारण भी किया जाएगा।

  • कोरोना, इबोला, स्वाइन फ्लू के खतरनाक संक्रमणों पर शोध और इलाज के लिए इंस्टीट़्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसन एंड वायरोलोजी की स्थापना की जा रही है। संस्थान के लिए 22 पदों की स्वीकृति मिल चुकी है। - परसादी लाल मीणा, चिकित्सा मंत्री