राजस्थान हाईकोर्ट में कई सालों बाद जजों की संख्या 3 दिन पहले ही 30 पहुंची थी कि सोमवार को जस्टिस गोवर्धन बाढदार रिटायर हो गए। इससे जजों की संख्या 29 रह गई। चिंता यह है कि अगले एक साल में हाईकोर्ट में 6 और जज कम हो जाएंगे। क्योंकि जनवरी में एक जज पटना हाईकोर्ट चले जाएंगे, जबकि 3 रिटायर हो जाएंगे।
ऐसे में जल्द कॉलेजियम ने जजों की नियुक्ति की सिफारिश नहीं भेजी तो अगले साल मई तक 25 जज रह जाएंगे। ऐसे में पैडिंग केस की संख्या 6 लाख के पार हो जाएगी। सितंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, हाईकोर्ट की दोनों पीठ में 5.52 लाख पैडिंग केस हैं। यानी हाईकोर्ट के एक जज पर औसतन 19 हजार केस का भार है। यह आने वाले दिनों में और बढ़ेगा। एक महीने में रिकाॅर्ड 9 जजों की नियुक्ति के बाद भी हाईकोर्ट में सीजे सहित कुल स्वीकृत 50 पदों में से 21 अब भी खाली हैं।
एक माह में 21 जजों ने 15 हजार केस निपटाए, इतने समय में 3 हजार पैंडेंसी भी बढ़ी
ऐसे कम होंगे जज :
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा जनवरी में पटना हाईकोर्ट जॉइन करेंगे। फरवरी में जस्टिस मनोज व्यास, मार्च में सीजे अकील कुरैशी और मई में जस्टिस देवेंद्र कच्छवाहा रिटायर हो जाएंगे। सितंबर में जस्टिस रामेश्वर व्यास और नवंबर में जस्टिस प्रकाश गुप्ता का रिटायरमेंट हैं। इसके बाद हाईकोर्ट में 23 रह जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट में 5 जजों की नियुक्ति की सिफारिश की है। मंजूरी मिली तो 5 जज और मिलेंगे।
एक्सपर्ट: कॉलेजियम बार-बार सिफारिश कर सकता है
सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एनके जैन के अनुसार ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि पहले से सिफारिश पैंडिंग है तो कॉलेजियम नए नामों की सिफारिश नहीं कर सकता है। चीफ जस्टिस चाहें तो खाली पदों के लिए नई सिफारिश सुप्रीम कोर्ट को भेज सकते हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.