टेस्ट रिजल्ट नहीं पब्लिश कर सकेंगे कोचिंग इंस्टीट्यूट:झूठे-फर्जी विज्ञापनों से बेवकूफ बनाने पर एक्शन; स्टूडेंट ने बीच में कोचिंग छोड़ी तो लौटानी होगी फीस

जयपुर4 महीने पहले
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राजस्थान सरकार ने कोचिंग के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेशभर में जिला स्तर पर कोचिंग निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। इसमें पुलिस-प्रशासन के साथ अभिभावकों और डॉक्टर्स को भी शामिल किया जाएगा। ये लोग लगातार नजर रखेंगे।

गाइडलाइन के उल्लंघन पर संबंधित कोचिंग सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्टूडेंट्स की शिकायत के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा। इसकी निगरानी मुख्यमंत्री स्तर पर की जाएगी।

कॉम्पिटिशन और पढ़ाई के दबाव के चलते स्टूडेंट्स काफी परेशान हैं। पिछले कुछ वक्त में काफी स्टूडेंट्स ने आत्महत्या भी कर ली है। इसलिए स्टूडेंट्स की समस्या को दूर करने के लिए कोचिंग गाइडलाइन तैयार की गई है। इसमें स्टूडेंट्स की पढ़ाई की व्यवस्था में सुधार के साथ उनकी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए काम किया गया है।

मंगलवार देर रात जारी शिक्षा विभाग की गाइडलाइन में क्या खास है, जानिए...

  • कोचिंग संस्थान और अभिभावकों के पास स्टूडेंट्स के आवास का पता और मोबाइल नंबर होना जरूरी होगा।
  • हॉस्टल और पीजी सुविधाओं के आसपास पुलिस गश्त जरूरी होगी।
  • पुलिस थाने में छात्र-छात्राओं के लिए अलग से हेल्प डेस्क बनेगा।
  • नए कोचिंग सेंटर खोलने से पहले देखना जरूरी होगा कि आसपास कोई शराब या नशीला पदार्थ की ब्रिकी नहीं होती हो।
  • कोचिंग संस्थान में आने वाले स्टूडेंट्स और दूसरे लोगों के लिए एक मूवमेंट रजिस्टर या फिर इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था की जाएगी।
  • स्टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कोचिंग संस्थानों में जागरूकता सप्ताह का आयोजन होगा। इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी अनुभवी मनोविशेषज्ञों की मदद लेगी।
  • तनाव रोकने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन होगा। जिला प्रशासन पर कोचिंग संस्थानों से मासिक कार्यक्रम तैयार करवा कर उनके आयोजन की जिम्मेदारी होगी।
  • पुलिस थाने का सम्पर्क नंबर और हेल्पलाइन नंबर स्टूडेंट्स को देने होंगे।
  • पीजी और हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक यूनिफॉर्म फॉर्मेट लागू किया जाएगा। इसमें उनकी पूरी डिटेल, अभिभावकों के सम्पर्क की सूचना, मासिक किराया, रिफंड नीति, दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी और कोचिंग संस्थान के नियमों की जानकारी दी जाएगी।
  • कोचिंग संस्थान, हॉस्टल में कार्यरत पूरे स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन करना जरूरी होगा।
  • स्टूडेंट्स के कोचिंग आने-जाने के समय का कारण सहित एंट्री रजिस्टर में करवानी होगी।
  • कोचिंग संस्थानों द्वारा झूठे और फर्जी (फेक) विज्ञापन दिखाकर छात्रों को बेवकूफ बनाने पर उनके खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी।
  • हॉस्टल और कोचिंग में बाहर से आने वाले व्यक्तियों का पूरा रिकॉर्ड व्यक्तिगत पहचान, मोबाइल नंबर, आने का कारण आदि रजिस्टर में मेंटेन करना होगा।
  • शाम को कोचिंग आने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए वहां रोशनी होना जरूरी है।
  • कोचिंग, हॉस्टल में सुरक्षा गार्ड के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।
  • शिकायत मिलने पर हॉस्टल, मेस, टिफिन सेवा देने वालों की जांच, चिकित्सा और रसद विभाग के संयुक्त दल से करवाई जाएगी।
  • कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स की मदद के लिए रेफरल सेवाएं जैसे अस्पताल, डॉक्टर्स आदि की सूची लगानी जरूरी होगी।
  • कोचिंग संस्थान में भी प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था हो।
  • कोचिंग, हॉस्टल संचालकों को किसी स्टूडेंट्स के अस्वस्थ होने पर उनके अभिभावकों के आने तक उनके केयर टेकर के रूप में काम करना होगा।
  • इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संगठनों के वॉलेंटियर्स, एनसीसी, एनएसएस के वॉलेंटियर्स और रिटायर्ड राजकीय कर्मचारियों का सहयोग लिया जाएगा।
  • कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स की क्लीनिकल काउंसलिंग की व्यवस्था की जाएगी।
  • कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स के लिए मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन केंद्र को वेलनेस सेंटर के रूप में संचालित किया जाएगा।
  • अगर स्टूडेंट्स बिना सूचना दिए तीन दिन अनुपस्थित रहे, उसके अभिभावकों से सम्पर्क कर गैरहाजिर रहने का कारण कोचिंग संस्थानों को पता करना होगा।
  • ऑनलाइन क्लास में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का भी पूरा रिकॉर्ड रखना होगा।
  • कोचिंग सेंटर में एक ई-लर्निंग सेंटर स्थापित करना होगा। इसमें इंटरनेट और कम्प्यूटर सुविधा जरूरी होगी। यदि कोई स्टूडेंट कोई लेक्चर अटेंड नहीं कर पाया है, तो ई-लेक्चर की मदद ले सकेगा।
  • एक बार कोचिंग में एडमिशन लेने के बाद अगर कोई स्टूडेंट वहां से निकलना चाहे, तो उसे शेष अवधि की जमा फीस 10 दिन में लौटानी होगी। यदि वह कोचिंग के हॉस्टल में रह रहा है तो मेस फीस भी लौटानी होगी।
  • कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को आईआईटी और मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में सफल ना होने की स्थिति में दूसरे करियर ऑप्शन के बारे में बताया जाएगा।
  • कोचिंग संस्थान को ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि स्टूडेंट्स और उनके परिजनों की शिकायत का तत्काल हल हो सके।
  • कोचिंग संस्थान टेस्ट रिजल्ट प्रकाशित नहीं कर सकेंगे।
  • स्टूडेंट्स के साथ उनके अभिभावकों का भी ओरिएंटेशन करवाना होगा।

30 दिन में शिकायतों का करना होगा समाधान
कोचिंग और हॉस्टल से संबंधित शिकायतों पर कार्यवाही करने, उनकी जांच करने के लिए हर जिले में कोचिंग संस्थानों का पूरा रिकॉर्ड रखने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी जिले के सभी कोचिंग सेंटर्स पर नियंत्रण रखेगी। अथॉरिटी को अपने ऑफिस में एक हेल्पलाइन भी संचालित करनी होगी। ताकि कोई भी कोचिंग का स्टूडेंट या उसके अभिभावक अपनी शिकायत या पूछताछ के लिए संपर्क कर सके।
कलेक्टर की ओर से एसडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल आफिसर बनाया जाएगा। इसमें पुलिस उपाधीक्षक और माध्यमिक शिक्षा का जिला शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे। सरकारी पीजी कॉलेज का प्रिंसिपल इसका मेंबर सेक्रेटरी होगा। दोनों पक्षों को सुनवाई का अवसर देने के बाद यह जांच कमेटी पेनल्टी, रजिस्ट्रेशन रद्द करने जैसी सिफारिश के साथ अपनी रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी के चेयरमैन को सौंपेगी।

जिला स्तरीय कमेटी के फैसले से असंतुष्ट होने वाले कोचिंग संस्थान, स्टूडेंट्स या अभिभावक राज्य सरकार की अपीलेट अथॉरिटी में अपील कर सकेंगे। यह अपील 30 दिन के भीतर करनी होगी। अपीलेट अथॉरिटी में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव चेयरमैन होंगे। इसमें डिप्टी सेक्रेटरी, पुलिस महानिदेशक या उनके नॉमिनी, कॉलेज शिक्षा कमिश्नर, उच्च शिक्षा विभाग के वित्तीय सलाहकार और राजस्थान विधि सेवा के अफसर सदस्य होंगे। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव इसमें मेंबर सेक्रेटरी होंगे। इस अपीलेट अथॉरिटी को दोनों पक्षों की सुनवाई करके 45 दिन के अंदर अपना फैसला सुनाना होगा। अपीलेट अथॉरिटी का फैसला अंतिम होगा।

टेस्ट का रिजल्ट नहीं कर सकेंगे पब्लिश
कोचिंग संस्थान अब स्टूडेंट्स के टेस्ट का रिजल्ट पब्लिश नहीं कर सकेंगे, क्योंकि टेस्ट में कम नंबर आने पर स्टूडेंट्स तनाव में आ जाते हैं। इससे कई बार गलत कदम उठा लेते हैं। ऐसे में कोई स्टूडेंट मानसिक रूप से परेशान है या तनाव में है तो कोचिंग संस्थान, हॉस्टल ऐसे स्टूडेंट्स के लिए मनोविशेषज्ञ की व्यवस्था भी करेंगे।

राज्य स्तर पर होगा कमेटी का गठन
कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने और तनाव को कम करने संबंधी निर्देशों का क्रियान्वयन हो रहा है या नहीं, इस पर राज्य स्तरीय कमेटी नजर रखेगी। इसके अध्यक्ष उच्च शिक्षा विभाग के शासन सचिव होंगे। कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा की ओर से नामित प्रतिनिधि, शासन सचिव स्वायत्त शासन की ओर से नामित प्रतिनिधि, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की ओर से नामित प्रतिनिधि शामिल होंगे।

संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग की ओर से जयपुर संभाग में राजस्थान सरकार की कोचिंग गाइडलाइन लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसके तहत अब संभाग के सभी जिलों में जिला स्तर पर कमेटी का गठन कर छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे। ताकि आम छात्रों के साथ अभिभावक अपनी समस्या शासन और प्रशासन तक पहुंचा सकें। इसके साथ ही सरकारी गाइडलाइन को लागू करने के लिए भी जल्द ही प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।

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  • कोचिंगों को संडे को छुट्‌टी रखनी होगी, इस दिन टेस्ट भी नहीं ले सकेंगे।
  • IIT और मेडिकल एंट्रेस में सफल न होने की स्थिति में दूसरे कॅरिअर ऑप्शन के बारे में बताया जाएगा।
  • स्टूडेंट्स के कोचिंग छोड़ने की स्थिति में फीस रिफंड का प्रावधान होगा।
  • कोचिंग के खिलाफ समस्या बताने के लिए एक कम्पलेन्ट पोर्टल बनाएंगे।
  • फर्जी प्रचार से छात्रों को बेवकूफ बनाने पर कोचिंगों पर सख्त करवाई की जाएगी।

ये एक महीने पहले ही राजस्थान सरकार की ओर से जारी की गई कोचिंग गाइडलाइन- 2022 के कुछ पॉइंट्स हैं। (पूरी खबर पढ़ें)