सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना देने में सरकारी अधिकारी-कर्मचारी आनाकानी करने लगे है। एक-एक आवेदनों का साल या दो साल तक अटकाए रखते है। ऐसे ही एक मामले में एक व्यक्ति की ओर से नगर पालिका आसींद (भीलवाड़ा) से सड़क निर्माण संबंधि मांगी गई सूचना को 2 साल तक नहीं देने पर राज्य सूचना अयोग ने नाराजगी जताई है। आयोग ने पालिका के अधिशाषी अधिकारी (ईओ) पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए आवेदक को 15 दिन के अंदर सूचना उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए है।
सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने अपने इस आदेशों में यह जुर्माना राशि संबंधित अधिकारी के वेतन से वसूलने के लिए कहा है। आयुक्त ने बताया कि आसींद के शहीद मोहम्मद शेख शिकायत की, कि उन्हें दो साल से पालिका की तरफ से सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जा रही। शेख ने अपने कस्बे के वार्ड में सड़क निर्माण से जुड़ी सूचना मांगी थी, लेकिन पालिका ने उनके आवेदन को कोई ध्यान नहीं दिया।
सूचना आयोग की तरफ से दो बार अधिकारी को नोटिस भेज कर इस मामले में जानकारी मांगी, लेकिन अधिकारी ने आयोग के नोटिसों का भी जवाब देना उचित नहीं समझा। इस पर आयुक्त ने नाराजगी जताते हुए पालिका के अधिशाषी अधिकारी पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि आयोग ने दो बार शास्ति का नोटिस भेजने के बावजूद अधिकारी ने न तो सूचना उपलब्ध करवाई और न ही कोई जवाब दिया। ऐसे में यह जुर्माना राशि अधिकारी के वेतन से वसूल की जाए।
उप पंजीक पर भी लगाया जुर्माना
आयोग की ओर से झालावाड़ में अकलेरा के विकास अधिकार पर भी पांच हजार रुपए जुर्माना लगाया है। आयोग ने विकास अधिकारी से एक सूचना आवेदन के बारे में जवाब तलब किया था, लेकिन अधिकारी ने पर्याप्त मौका देने के बावजूद भी कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे ही झालावाड़ में उप पंजीयक पर भी पांच हजार रुपए की पेनल्टी लगतो हुए इस जुर्माना राशि दोनों अधिकारियों के वेतन से काटने के निर्देश दिए।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.