जयपुर नगर निगम ग्रेटर में पिछले साल जून में मेयर सौम्या गुर्जर और आयुक्त यज्ञमित्र सिंह के बीच विवाद अभी भी थमा नहीं है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वापस मेयर पद संभालने के बाद सौम्या गुर्जर ने करीब 6 से ज्यादा बैठक कर ली, लेकिन एक भी बैठक में आयुक्त यज्ञमित्र सिंह शामिल नहीं हुए। ऐसे में अब मेयर ने 14 मार्च को साधारण सभा की बैठक बुलाई है, जिसमें 9 महीने के बाद मेयर-आयुक्त आमने-सामने होंगे।
दरअसल नगर निगम ग्रेटर बनने के बाद यह दूसरी बार है जब साधारण सभा की बैठक बुलाई जा रही है। पिछले साल जनवरी में बजट बैठक बुलाने के बाद से अब तक यानी 13 महीने से साधारण सभा नहीं हुई। पिछले साल अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर और उसके बाद जून में मेयर-आयुक्त का विवाद होने के बाद मेयर को सस्पेंड कर दिया। आयुक्त की शिकायत पर ही सरकार ने मेयर को सस्पेंड कर दिया और इस पूरे मामले की न्यायिक जांच शुरू करवा दी। पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद सौम्या गुर्जर को राहत मिली और करीब 8 महीने बाद वह वापस मेयर की कुर्सी पर बैठी।
गौरतलब है कि नियमानुसार हर 60 दिन में एक बार नगर निगम की साधारण सभा बुलाई जानी चाहिए, लेकिन जयपुर नगर निगम ग्रेटर और जयपुर नगर निगम हैरिटेज में पिछले 13 महीने से साधारण सभा की बैठक नहीं बुलाई गई है।
अब तक एक भी बैठक में नहीं आए आमने-सामने
मेयर की कुर्सी संभालने के बाद आयुक्त यज्ञमित्र सिंह अब तक एक बार भी मेयर की बुलाई बैठक में शामिल नहीं हुए। अपनी जगह वे अतिरिक्त आयुक्त मुख्यालय को भेज देते है। वहीं पिछले कुछ दिनों से खुद आयुक्त सफाई व्यवस्था और स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर अलग से अधिकारियों संग बैठक कर रहे है। ऐसे में चर्चा हो रही है कि मेयर-आयुक्त का विवाद अभी थमा नहीं है।
खुद को बताया जनप्रतिनिधियों से खतरा बताकर मांगी थी सुरक्षा
आयुक्त यज्ञमित्र सिंह ने सौम्या गुर्जर के वापस मेयर पद पर लौटने के बाद खुद को असुरक्षित महसूस करते हुए गृह विभाग से सुरक्षा की मांग की थी। आयुक्त ने मेयर के जॉइन करने वाले दिन ही गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पार्षदों और अन्य लोगों से खतरा बताते हुए खुद के निजी निवास और नगर निगम ऑफिस के बाहर पुलिस की सुरक्षा देने की मांग की थी।
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