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रिंग राेड का दक्षिणी काॅरिडाेर शुरू हाेने के बाद अब जेडीए उत्तरी रिंग राेड काॅरिडाेर निर्माण की तैयारियाें में जुट गया है। आगरा राेड से दिल्ली राेड तक करीब 45 की लम्बाई के इस काॅरिडाेर के निर्माण में 2887 कराेड़ रुपए की खर्च हाेंगे। इसके लिए जेडीए जल्द जमीन अवाप्त की प्रक्रिया शुरू करेगा। दक्षिणी रिंग राेड की तर्ज पर ही उत्तरी काॅरिडाेर बनेगा और 360 मीटर चाैड़े इस काॅरिडाेर के लिए जमीन अवाप्त की जाएगी।
इस पीएपी क्षेत्र का विकास कार्य, यूटीलिटी सर्विसेज की शिफ्टिंग, बिजली-पानी आदि सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि जेडीए जमीन अवाप्त के साथ इसका निर्माण की करवाएगा। गाैरतलब है कि दक्षिणी रिंग राेड का काम कई सालाें तक अटके रहने के बाद एनएचएआई ने प्राेजेक्ट अपने हाथ में लेकर पूरा किया था। इसके अलावा शनिवार को मंत्री के बंगले पर आयाेजित समीक्षा बैठक में जेडीए अधिकरियों के साथ रिंगराेड उत्तरी काॅरिडाेर के अलावा किशनबाग वानिकी परियोजना, राजस्थान इन्टरनेशनल सेन्टर प्राेजेक्ट पर चर्चा की।
डेजर्ट थीम पर बनेगा किशनबाग
विद्याधर नगर में स्थित स्वर्ण जयन्ती गार्डन के समीप किशनबाग गांव में नाहरगढ की तलहटी में किशनबाग पूरी तरह रेगिस्तानी थीम पर तैयार किया जा रहा है। 260 बीघा क्षेत्रफल में बने रहे किशनबाग में रेतीले टीलों को स्थाई कर जीव जन्तुओं सरंक्षण के लिए भी डवलप किया जाएगा। इस प्राेजेक्ट में करीब 11.41 कराेड़ रुपए खर्च हाेंगे। जल्द ही इस प्राेजेक्ट के लिए रखरखाव संबंधित कंपनी का चयन कर लाेकार्पण किया जाएगा।
100 करोड की लागत से सात मंजिला राजस्थान इंटनेशनल सेंटर तैयार हाेगा
जेडीए झालाना संस्थानिक क्षेत्र में जेडीए सात मंजिला राजस्थान इंटरनेशन सेंटर का निर्माण करेगा। जेडीसी गाैरव गाेयल ने बताया कि इस प्राेजेक्ट के निर्माण में करीब करीब 100 करोड़ रुपए खर्च हाेंगे। सेंटर में कनवेंशन हॉल, ऑडिटोरियम, मिनी ऑडिटोरियम, कॉफ्रेंस हॉल, लेक्चरर हॉल, लाईब्रेरी, ई-लाईब्रेरी और रेस्टोंरेंट की सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा एक पांच सितारा गेस्ट हाउस का बनाया जाएगा। इंटनेशनल सेंटर की निर्माण की थीम राजस्थान की स्थापत्य कला हाेगी। इसके निर्माण में जोधपुर, जैसलमेर के विशेष पत्थराें का उपयाेग हाेगा।
2003 में बना था रिंग राेड का सपना, 2011 रिंगराेड साउथ काॅरिडाेर का काम शुरू हुआ, जेडीए फेल रहा ताे एनएचएआई काे साैंपा था प्राेजेक्ट
शहर काे भारी वाहनाें और प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए भाजपा सरकार ने 2003 में रिंग राेड की याेजना बनाई। इसके लिए जमीन अवाप्ति और निर्माण का काम जेडीए काे साैंपा गया। प्रथम चरण में आगरा राेड से अजमेर राेड तक 47 किमी तक रिंग राेड बननी थी लेकिन 2008 तक जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हाे पाई।
2011 में जेडीए और रिंग राेड का निर्माण करने वाली कंपनी के बीच 21 महीने में आगरा राेड से अजमेर राेड तक 47 किमी का काॅरिडाेर बनाने का एमओयू हुआ। काम शुरू हुआ लेकिन कंपनी तय समय में काम पूरा नहीं कर पाई ताे भाजपा सरकार ने पूरा प्राेजेक्ट 2017 में एनएचएआई काे हैंडओवर कर दिया। एनएचएआई ने पिछले साल साउथ रिंग राेड काॅरिडाेर का काम पूरा कर हाल में यातायात शुरू किया है। हालांकि अभी भी आगरा राेड पर जमीन अवाप्ति का मसला हल नहीं हाेने पर क्लाेवर लीफ का काम अटका हुआ है।
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