राजस्थान के इतिहास में पहली बार दो बातें पहली बार होने जा रही हैं। पहली- कृषि बजट पेश होगा। दूसरी- गहलोत सरकार किसानों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। सहकारी क्षेत्रों के कर्जदार किसानों की कर्जमाफी के बाद अब कमर्शियल बैंकों के ऋणी किसानों को भी कर्जमाफी का तोहफा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार की तरफ से बैंकों से कोऑर्डिनेट करने वाले आयोजना विभाग ने कमर्शियल बैंकों के कर्जदार किसानों की मौजूदा स्थिति की स्टेटस रिपोर्ट वित्त विभाग को सौंप दी है। यह कर्जमाफी करीब 2.5 हजार करोड़ रुपए तक की हो सकती है। कृषि बजट अलग से पेश करने की घोषणा पिछले बजट में की गई थी।
बता दें, पिछले दिनाें कमर्शियल बैंकों द्वारा प्रदेश के कर्जदार किसानों की जमीन कुर्क करने के मामले सामने आने के बाद सरकार को अपने अधिकारियों को आदेश जारी करने पड़े थे कि किसानों की जमीन नीलाम करने की प्रक्रिया को रोक दिया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राजस्व विभाग ने सभी जिलों से जमीन कुर्की के प्रकरणों की रिपोर्ट तलब की। इसमें 1 लाख 11 हजार 727 किसानों के खिलाफ जमीन कुर्की की कार्रवाई चल रही थी इनमें से 9 हजार को नोटिस भी दे दिए गए थे। इसके बाद वित्त विभाग के निर्देश पर आयोजना विभाग ने स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी से कर्जदार किसानों की रिपोर्ट ले ली।
3 लाख किसानों का 6 हजार करोड़ एनपीए
जानकारों के अनुसार करीब 3 लाख से अधिक किसानों का 6018 करोड़ रु. से अधिक का लोन एनपीए है। इनमें से करीब 2.5 से 3 हजार करोड़ का लोन ही कुर्की के दायरे में है। इसलिए सिर्फ इसे माफ करवाने की कवायद है। हालांकि घोषणा को अंतिम रूप अभी नहीं मिला है।
Q. पहले 10% की हिस्सेदारी चुकाने का ऑफर दिया था, उसका क्या? A. सीएम गहलोत ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ऑफर दिया था कि एनपीए हो चुके लोन का 10% सरकार चुकाएगी, 90% बैंक माफ करेंगे। लेकिन बैंकों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। इसलिए सरकार अब अपने स्तर पर कमर्शियल बैंकों की कर्जमाफी की कवायद में जुटी है।
Q. इससे पहले 14 हजार करोड़ रुपए का लोन कैसे माफ किया गया था? A. स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक में राज्य सरकार ने बताया था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अब तक 14 हजार करोड़ का सहकारी बैंकों का कर्जमाफ हुआ है। पिछली भाजपा सरकार का भी इसमें 6 हजार करोड़ का कर्ज सम्मिलित है। सरकार के अनुसार 30 नवंबर 2018 को एनपीए घोषित राष्ट्रीयकृत बैंकों के कृषक खातों के कर्जमाफ किए जाने शेष हैं।
Q. कमर्शियल बैंकों से कर्जमाफी का लाभ किन किसानों को मिलेगा? A. करीब 2 से 3 लाख किसान परिवारों को। हालांकि 10% हिस्सेदारी के मुकाबले कर्जमाफी की यह राशि बहुत अधिक होगी। पर चुनावों में सरकार की छवि दुरुस्त रखने के लिए यह कीमत ज्यादा नहीं है। 2023 में विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में सरकार कोशिश करेगी कि कर्जमाफी के वादे को पूरा कर किसान हितैशी सरकार की छवि के साथ चुनावी मैदान में उतरा जाए।
एससी/एसटी, महिला किसानों को भी 75% अनुदान
राज्य सरकार ने एससी/एसटी और महिला किसानों के लिए सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों के अनुदान में वृद्धि की है। इन्हें अब लघु एवं सीमान्त कृषकों जैसे 75% अनुदान दिया जाएगा। किसानों के लिए की गई इस वृद्धि की जानकारी कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने दी।
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