लापरवाही से बच्चे की मौत:मानसरोवर सेक्टर-42; पार्क में खुले तार की चपेट में आया 10 साल का बच्चा, मौत

जयपुर2 वर्ष पहले
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यहां कई दिनों से तार खुला रहा पर किसी भी जिम्मेदार ने इसे ठीक कराने के लिए जहमत नहीं उठाई। - Dainik Bhaskar
यहां कई दिनों से तार खुला रहा पर किसी भी जिम्मेदार ने इसे ठीक कराने के लिए जहमत नहीं उठाई।
  • कई दिनों से तार खुला था, लेकिन नगर निगम के जिम्मेदारों ने ठीक कराना जरूरी नहीं समझा

मानसरोवर सेक्टर 42 के पार्क में बुधवार की रात हाईमास्ट पोल के तार की चपेट में आने से एक 10 साल के बच्चे की मौत हो गई। मरने वाले बच्चे की पहचान गौरव केसवानी के रूप में हुई। इस पार्क के रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन यहां कई दिनों से तार खुला रहा पर किसी भी जिम्मेदार ने इसे ठीक कराने के लिए जहमत नहीं उठाई।

घटना बुधवार की रात करीब पौने 9 बजे की है। कालोनी के कुछ बच्चों के साथ गौरव खेल रहा था। इसी दौरान वह पोल के पास पहुंच गया और करंट की चपेट में आ गया। आनन-फानन में उसे जयपुरिया अस्पताल ले आया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। गौरव के पिता की तीन साल पहले ही मौत हो चुकी है। घटना के बाद से ही मां बेसुध है।

एएसआई वीरेंद सिंह का कहना है कि बुधवार रात करीब पौने बजे यह घटना हुई। घटना के बाद साथ खेल रहे बच्चे उसे उठाकर पास ही स्थित घर ले गए थे। जहां से परिजन उसे निजी अस्पताल लेकर गए थे। सूचना मिलने पर वह जाप्ता लेकर मौके पर पहुंचे। जहां से सिगमा को भेजकर पावर हाउस से लाइट कटवाई और बिजलीकर्मियों को मौके पर बुलाया गया।

इधर, मोहल्ले के लोगों का कहना है कि खुले तारों के बारे में कई बार शिकायत की गई थी लेकिन इसे ठीक नहीं कराया गया। गौरतलब है बारिश में करंट का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में लापरवाही ठीक नहीं।

भाई साथ जाता था खेलने, आज ही अकेला गया था

गौरव की मौसी अनिता ने बताया कि रोजाना गौरव बड़े भाई हिमांशु के साथ खेलने जाता था। आज ही अकेला गया था और वापस नहीं लौटा। उन्होंने बताया कि गौरव रोजाना की तरह खेलने गया था। रात करीब 9 बजे उसे साथ खेलने वाले बच्चे उठाकर लाए थे। उसके बाद उसे हॉस्पिटल लेकर गए थे। तीन साल पहले गौरव के पिता भगवान केशवानी की मौत हो गई थी।

गौरव तीन बहन-भाइयों में सबसे छोटा था। वह पांचवीं कक्षा में पढ़ता था। अभी तक की जांच में सामने आया कि पार्क में लगे हाई मास्क लाइट पोल के पास बिजली के तार खुले पड़े थे। खेलते समय गौरव ने जैसे पोल को छुआ तो करंट दौड़ गया। करंट दौड़ने से गौरव का हाथ भी जल गया।