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PHOTOS में देखिए चैंपियन्स का स्वागत:टोक्यो पैरालिंपिक से जयपुर लौटे खिलाड़ियों पर हुई इनाम की बारिश, ढोल-नगाड़ों की थाप पर निकला जुलूस
टोक्यो पैरालंपिक में भारत का मान बढ़ा कर राजस्थान के खिलाड़ी शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। इस दौरान एयरपोर्ट से लेकर सवाई मानसिंह स्टेडियम तक खिलाड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। जहां पैरालिंपिक में मेडल जीत पहुंचे खिलाड़ियों को राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रुपए का पुरस्कार दिया गया।
टोक्यो पैरालंपिक में मेडल जीत जयपुर लौटे खिलाड़ियों का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे खेल मंत्री अशोक चांदना।
पैरालंपिक बैडमिंटन SH-6 कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने के बाद जयपुर पहुंचने पर कृष्णा नागर काफ़ी उत्साहित नजर आए। एयरपोर्ट से ही कृष्णा अपने परिवार के साथ खुली जीप में बैठ नाचते गाते सवाई मानसिंह स्टेडियम पहुंचे। जहां उन्हें प्रशंसकों ने कंधे पर बैठा लिया।
जयपुर SMS स्टेडियम पहुंचने पर देवेंद्र झाझड़िया का खिलाड़ियों ने फूलों की बारिश कर स्वागत किया। टोक्यो पैरालिंपिक में जेवलियन थ्रोअर देवेंद्र झाझड़िया ने सिल्वर मेडल जीता था। उन्होंने F46 कैटेगरी में 64.35 मीटर दूर भाला फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया। यह उनके करियर का तीसरा पैरालिंपिक मेडल है।
टोक्यो ओलंपिक में दो मेडल जीत इतिहास रचने वाली अवनि का खेल मंत्री अशोक चांदना ने स्वागत किया। इस दौरान अवनि ने भी अपनी जीत का श्रेय माता-पिता और कोच को दिया। उन्होंने कहा कि लड़कियां अकेले में भी बहुत अच्छा कर सकती हैं। ऐसे में जरूरत है कि हम बेटियों को भी खेलों में आगे लाएं।
कुछ सालों पहले तक कृष्णा क्रिकेटर बनना चाहते थे। लंबाई कम होने की वजह से बैटिंग के दौरान हर बॉल बाउंस होकर कृष्णा के सिर के ऊपर से निकल जाती थी। इसके बाद कृष्णा ने क्रिकेट छोड़ वॉलीबॉल खेलना शुरू किया। इसमें वे काफी अच्छे डिफेंडर बन गए, लेकिन लंबाई की वजह से उसने वॉलीबॉल भी छोड़ दिया। फिर पिता ने बैडमिंटन खेलने की सलाह दी और कृष्णा को सवाई मानसिंह स्टेडियम लेकर गए। जहां साल 2017 से उन्होंने बैडमिंटन खेलना स्टार्ट किया। जिसके बाद अब कृष्णा ने गोल्ड जीत इतिहास रच दिया है।
कुछ सालों पहले तक सुंदर गुर्जर सामान्य खिलाड़ी की तरह प्रतिस्पर्धा में शामिल हुआ करते थे। लेकिन साल 2015 में एक हादसे में सुंदर की कलाई कट गई। जिसके बाद उन्होंने पैरालंपिक खिलाड़ियों की तरह खेलना शुरू किया। इसके बाद लगातार मेहनत के बाद सुंदर अब टोक्यो पैरालंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर लाए हैं।
देवेंद्र का जयपुर पहुंचने में खेल मंत्री अशोक चांदना ने स्वागत किया। देवेंद्र भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने तीन बार पैरालिंपिक में मेडल जीता है। इससे पहले देवेंद्र साल 2004 एथेंस ओलिंपिक में गोल्ड और 2016 रियो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
टोक्यो पैरालिंपिक में अवनि लेखरा को गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर 4 करोड रुपए, कृष्णा नागर को गोल्ड मेडल जीतने पर 3 करोड रुपए, देवेंद्र झांझड़िया को सिल्वर मेडल जीतने पर दो करोड़ रुपए और सुंदर गुर्जर को ब्रॉन्ज मेडल देखने पर एक करोड़ रुपए का चैक दिया गया।
टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर तीन करोड़, सिल्वर मेडल जीतने पर दो करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर एक करोड रुपए इनामी राशि दी गई। इसके साथ ही सरकार द्वारा प्रत्येक खिलाड़ी को सरकारी नौकरी, शहरी क्षेत्र में प्लॉट और ग्रामीण इलाके में 25 बीघा कृषि भूमि देने की भी घोषणा की गई।
टोक्यो पैरालंपिक में राजस्थान से चार खिलाड़ियों ने 5 पदक जीत देश का मान बढ़ाया है। इनमें अवनि लेखरा ने शूटिंग में गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीता है। कृष्णा नागर ने SH-6 बैडमिंटन कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता है। देवेंद्र झाझड़िया ने जैवलिन थ्रो में सिल्वर और सुंदर गुर्जर ने जैवलिन थ्रो में ही ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
टोक्यो पैरालिंपिक में छा गई हमारी अवनि
जयपुर के कृष्णा ने रचा इतिहास
अब 3 पदक जीतने वाले देश के एकमात्र खिलाड़ी देवेंद्र
जयपुर पहुंचे पैरालिंपियन खिलाड़ी