चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने पहली ही मैराथन बैठक में अफसरों की क्लास ले ली। राजस्थान में अभी कोविड की केवल 28 हजार ही जांचें हो रही है, इस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए खरी खरी कह दी कि मुझे रोज एक लाख जांचें चहिए। कम जांचें करेंगे तो रोगी कहां कहां है, इसका सही पता कैसे चलेगा? भरतपुर सीएमएचओ को तो फटकार लगाते हुए कहा कि 10 लाख की आबादी है और केवल 57 जांचें की जा रही है। यह नहीं चलेगा।
ऐसे अफसर कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। छोटा सा जिला प्रतापगढ़ शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कर सकता है तो बाकी जिले पीछे क्यों हैं? हमें शत प्रतिशत का लक्ष्य हर हाल में 15 दिसंबर तक हासिल करना है। परसादी लाल ने ठेठ देसी अंदाज में जिलों के हैल्थ अफसरों से कहा- आप लोग क्या कर रहे हो यह अलग बात है, मुझे तो परिणाम चाहिए। घर-घर सर्वे और कोविड की हालात के धरातल से पता लगाने को कहा। चिकित्सा सचिव को सभी डॉक्टरों की रिपोर्ट बताने को भी कहा।
मीणा ने बुधवार को स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ लगभग 4 घंटे मैराथन बैठक की। वीसी के माध्यम से प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ, बीसीएमएचओ, संयुक्त निदेशक एवं संबंधित अधिकारी जुडे रहे। चिकित्सा मंत्री ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सार्वजनिक स्थलों जैसे भीड़-भाड़ वाले बाजार, मंडियों, बस स्टैंड, रेलवे स्टैंड और पर्यटक स्थलों और स्कूलों में रैंडम सैंपलिंग के निर्देश दिए।
उन्होंने प्रदेश में प्रतिदिन 10 लाख डोज प्रतिदिन लगाने का लक्ष्य रखने के भी निर्देश दिए। चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया, एमडी एनएचएम अरुणा राजोरिया व आरएमएससीएल प्रबंध निदेशक अनुपमा जोरवाल ने चिकित्सा मंत्री को विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान सभी अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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