राजस्थान में मानसून एक्टिव तो है, लेकिन इसकी सुस्ती ने यहां जल संकट खड़ा कर दिया है। हालात ये हैं कि पाली जिले में दो साल बाद फिर से वाटर ट्रेन चलाने की नौबत आ गई है। 21 सितंबर से ट्रेन के जरिए लोगों तक पानी पहुंचाया जाएगा। जयपुर, अजमेर, टोंक के अलावा इस बार पाली शहर और उससे लगते आस-पास के 8 शहरों और करीब 1,020 गांवों में भी पानी की किल्लत झेलनी पड़ेगी। ट्रेन के जरिए हर 4 दिन में एक बार पानी की सप्लाई करने की तैयारी है।
राजस्थान में इस बार बांधों में पानी का स्तर काफी कम है। 30 अगस्त तक सामान्य से 12 फीसदी कम बारिश के कारण स्थिति और विकट होती दिख रही है। प्रदेश के कुल 727 बांध में से 42% सूखे पड़े हैं। 303 बांध ऐसे हैं, जिनमें पानी बहुत कम बचा है। इनमें कुछ प्रमुख बांध ऐसे हैं जो पानी सप्लाई के हिसाब से अहम हैं। इनमें टोंक का बीसलपुर और पाली का जवाई बांध हैं।
21 सितंबर से पाली में चलेगी वाटर ट्रेन, 4 दिन में एक बार पानी की सप्लाई
पाली जिले में पानी का सबसे बड़ा स्रोत जवाई बांध है। जवाई से पाली शहर समेत सुमेरपुर, रानी, फालना, बाली, जैतारण, सोजत, तखतगढ़, मारवाड़ जंक्शन में पानी सप्लाई होता है। इनके अलावा 1020 ऐसे छोटे-छोटे गांव हैं, जो पानी के लिए जवाई बांध पर निर्भर हैं। इस बांध में अब केवल 20 सितंबर तक का पानी बचा है।
पानी की सप्लाई करने वाले PHE डिपार्टमेंट के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि जवाई बांध से 9 से 10 करोड़ लीटर (MLD) पानी रोज लिया जा रहा है, जो 20 सितंबर तक जारी रहेगा। 20 सितंबर के बाद बांध के डेड स्टोरेज से हर रोज 50-60 MLD पानी सप्लाई किया जाएगा, जो ज्यादा से ज्यादा 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसे देखते हुए हमने 21 सितंबर से वाटर ट्रेन शुरू करने का निर्णय किया है। हर रोज 4 फेरों में यह ट्रेन करीब 10 MLD पानी जोधपुर से लेकर पाली पहुंचेगी।
जयपुर, अजमेर में भी बिगड़ सकते हैं हालात
अगर आने वाले कुछ समय में बारिश ठीक से नहीं होती है तो पानी का संकट पाली ही नहीं बल्कि अजमेर, जयपुर और टोंक के कुछ क्षेत्रों को भी झेलना पड़ सकता है। इन तीन जिलों में करीब एक करोड़ की आबादी के लिए हर रोज बीसलपुर बांध से पानी सप्लाई किया जाता है। बांध का मौजूदा समय में गेज 310.66 आरएल मीटर है और इसमें कुल पानी 361.21 एमक्यूएम है, जो कुल भराव क्षमता (1095.84 एमक्यूएम) का करीब 33 फीसदी है।
बांध से हर रोज जयपुर शहर के अलावा चाकसू, दूदू, सांभर सहित अन्य कस्बों में 590 MLD, अजमेर जिले और उसके आस-पास के इलाकों में 305 MLD और टोंक के उनियारा-देवली के लिए 50 MLD पानी लिया जा रहा है। वहीं जल्द ही अब यहां पानी की कमी को देखते हुए PHED ने जयपुर के लिए बांध से 50 MLD पानी की सप्लाई घटा दी है।
अगर बांध में पानी नहीं आया तो यह सप्लाई आने वाले समय में और कम की जा सकती है। इसके साथ ही अजमेर में भी पानी की सप्लाई प्रभावत हो सकती है। अजमेर में वर्तमान में 2 दिन में एक बार पानी सप्लाई हो रहा है।
218 ट्यूबवेल खोदने की तैयारी
PHED जयपुर के अधिकारियों की मानें तो बीसलपुर में अगर पानी कम रहता है तो फिर जयपुर में पानी की कटौती को पूरा करने के लिए ट्यूबवेल का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए जयपुर में 218 अलग-अलग पॉइंट पर नए ट्यूबवेल खोदे जाएंगे, जबकि 146 पहले से खुदे हुए ट्यूबवेल का रिन्यूवल करवाया जाएगा। इन सभी ट्यूबवेल से कुल 106 MLD पानी लेने की प्लानिंग है।
बड़े बांधों में 67 फीसदी पानी
राजस्थान में 14 जिलों में 22 बड़े बांध हैं, जिनमें पानी भराव की क्षमता 8104.66 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इसमें जयपुर के दो बांध रामगढ़ और कालख सागर सूखे पड़े हैं। टोंक का टोरडी सागर और भीलवाड़ा का मेजा डेम भी खाली पड़े हैं। यहां 10 फीसदी भी पानी नहीं है। इन 22 में से 8 ऐसे बांध हैं, जो 30 फीसदी या उससे कम भरे हैं। इनमें राजसमंद का राजसमंद झील, पाली का जवाई और सरदार समंद, टोंक का टोरडी सागर शामिल है।
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