जयपुर में गडकरी का तंज:MLA मंत्री न बनने पर दुखी, मंत्री CM न बन पाने से दुखी; मुख्यमंत्री इसलिए दुखी कि पता नहीं कब तक रहेंगे

जयपुर2 वर्ष पहले
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विधानसभा में सेमिनार को संबोधित करते केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी। - Dainik Bhaskar
विधानसभा में सेमिनार को संबोधित करते केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी।

राजस्थान विधानसभा में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी पार्टी भाजपा समेत सभी नेताओं पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि समस्या सबके साथ है। हर कोई दुखी है। MLA इसलिए दुखी हैं कि वे मंत्री नहीं बने। मंत्री बन गए तो इसलिए दुखी हैं कि अच्छा विभाग नहीं मिला और जिन मंत्रियों को अच्छा विभाग मिल गया, वे इसलिए दुखी हैं कि मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। मुख्यमंत्री इसलिए दुखी हैं कि पता नहीं कब तक पद पर रहेंगे।

गडकरी सोमवार को विधानसभा में संसदीय लोकतंत्र और जन अपेक्षाएं विषय पर सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जाने-माने व्यंग्यकार शरद जोशी ने लिखा था कि जो राज्यों में काम के नहीं थे, उन्हें दिल्ली भेज दिया। जो दिल्ली में काम के न थे, उन्हें गवर्नर बना दिया और जो वहां भी काम के नहीं थे उन्हें एंबेसडर बना दिया। भाजपा अध्यक्ष रहते मुझे ऐसा कोई नहीं मिला, जो दुखी न हो।

गडकरी ने कहा- मुझसे एक पत्रकार ने पूछा कि आप मजे में कैसे रह लेते हैं। मैंने कहा कि मैं भविष्य की चिंता नहीं करता, जो भविष्य की चिंता नहीं करता वह खुश रहता है। वन डे ​क्रिकेट की तरह खेलते रहो। मैंने सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर से छक्के चौके लगाने का राज पूछा तो बोले कि यह स्किल है। इसी तरह राजनीति भी एक स्किल है।

ज्यादा विपक्ष में रहने वाले सत्ता में आकर भी विपक्ष जैसा बर्ताव करते हैं
गडकरी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को वाटरगेट कांड के बाद पद छोड़ना पड़ा था। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद लोगों ने कॉलोनी में रहने को घर नहीं दिया था। निक्सन ने लिखा था कि आदमी हारने से समाप्त नहीं होता, नहीं लड़ने से समाप्त होता है। हमें तो जीवन में लड़ना है। कभी-कभी हम सत्ता में होते हैं, कभी विपक्ष में। यह चलता रहता है। जो ज्यादा विपक्ष में रहते हैं, वे सत्ता में जाकर ​भी विपक्ष जैसा व्यवहार करते हैं। ज्यादा सत्ता में रहने वाले विपक्ष में रहकर भी सत्ता जैसा ही व्यवहार करते हैं। उनकी आदत पड़ जाती है।

गडकरी को कांग्रेस में शामिल होने की सलाह दी गई थी
गडकरी ने कहा- नागपुर से कांग्रेस नेता डॉ. श्रीकांत मेरे अच्छे मित्र थे। उन्होंने 17 से ज्यादा विषयों में पीजी कर रखी थी। मैं उस वक्त चुनाव हार गया था और उस वक्त भाजपा की स्थिति आज जैसी नहीं थी। उन्होंने मुझसे तब कहा कि नितिन तुम अच्छे हो, लेकिन तुम्हारी पार्टी का भविष्य नहीं है। तुम कांग्रेस में आ जाओ। मैंने उन्हें विनम्रता से मना कर दिया। उतार-चढाव चलते रहते हैं, लेकिन आपको विचारधारा के प्रति लॉयल रहना चाहिए।

बीजेपी ने हाल ही में गुजरात का सीएम बदला, गडकरी का तंज उस तरफ भी
नितिन गडकरी ने मंत्री और मुख्यमंत्री के दुखी होने का उदाहरण देकर नाम लिए बिना अपनी ही पार्टी पर तंज कसा है। रविवार को ही बीजेपी ने गुजरात में मुख्यमंत्री बदला है और वहां विजय रुपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया है। केंद्र में भी कई दावेदार मंत्री नहीं बन पाए। राज्यों में भी यही हाल है। राजस्थान में भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर खींचतान सालभर से जारी है।

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