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भोपाल में वैक्सीन ट्रायल के बाद भले ही एक जने की मौत हो गई हो लेकिन जयपुर में चल रहे ट्रायल में अभी तक किसी भी सब्जेक्ट में कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं। कुल 1500 से अधिक सब्जेक्ट पर किए गए ट्रायल के बाद अभी तक अधिकांशत: में अधिकतम बुखार होना ही सामने आया है। कुछ में वैक्सीनेशन वाली जगह हल्का पेन और लाल निशान भी हुआ है।
ट्रायल कैसे और किन लोगों की होनी चाहिए, किन लोगों पर ट्रायल नहीं हो सकता, इसे लेकर भास्कर ने एक्सपर्टस से बात की। सामने आया कि जरा भी गंभीर बीमारियों वाले मरीजों का ट्रायल नहीं किया जाना चाहिए। यदि किया भी जाता है तो उससे पहले पूरी हिस्ट्री ली जानी चाहिए और लगातार संपर्क में रहना होता है। वैक्सीनेशन कराने जा रहे लोगों को खास सावधानियां बरतने के निर्देष दिए गए हैं।
इन लोगों काे लेकर सतर्कता जरूरी है
को-वैक्सीन का ट्रायल कर रहेे डॉ. मनीष जैन बताते हैं जो भी कोविड पेशेंट हैं, उनका ट्रायल नहीं होगा। साथ ही बीपी, कार्डियो, ब्रेन सर्जरी वाले केस, किडनी या लंग्स डिजीज वालों पर भी कोविड ट्रायल नहीं होगा। किसी भी सब्जेक्ट के ट्रायल से पहले पल्स, सेचुरेशन, कोविड टेस्ट और शूगर टेस्ट होगाता है। यदि कोई किसी बीमारी के बारे में बताता है तो उसकी हिस्ट्री देखी जाती है और उसके बाद ही ट्रायल पर लिया जाता है।
इसके अलावा जो भी दवाएं चल रही होती हैं, उनका पूरा फीडबैक लिया जाता है और फिर तय किया जाता है कि ट्रायल किया जाए या नहीं? यहां तक कि हर सब्जेक्ट को पूरी जानकारी बताने के लिए कहा जाता है, उसे गंभीरता बताई जाती है कि बीमारी या खुद के मेडिकल से जुड़ी जानकारी छिपाई तो उसके लिए खतरा हो हाे सकता है।
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थितियां पूर्णतः अनुकूल है। सम्मानजनक स्थितियां बनेंगी। विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी किसी समस्या का समाधान मिलने से उत्साह में वृद्धि होगी। आप अपनी किसी कमजोरी पर भी विजय हासिल...
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