वीव वॉक के दूसरे संस्करण ने मचआयी जयपुर में धूम:प्रोफेशनल मॉडल्स नहीं बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर, आंत्रप्रिंयोर, डिजाइनर, ने की साड़ियों में रैम्प वॉक

जयपुर9 महीने पहले
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साड़िया मॉर्डन नहीं होती, बहुत ओल्ड फैशन है, साड़ी अनफ्रोफेशनल लुक देती है जैसी कई गलतफैमियां कल गलत साबित होती दिखी जब एक-एक कर प्रोफेशनल मॉडल्स नहीं बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर, आंत्रप्रिंयोर, डिजाइनर, गृहिणी सहित विभिन्न सेक्टर्स की महिलाएं साड़ियों में रैम्प वॉक करती नजर आई। स्टेज पर उतरी लेडीज ने पहली बार बतौर मॉडल रैम्प वॉक किया कर सबके होश उड़ा दिए, बीती शाम करीब 40 महिलाओं ने पट्टू, आवा, इंडिगो, बगरू, जरी कोटा, मोजामाबाद व अजरक जैसी साड़ियों को बेहद फैशनेबल और क्रिएटिवली प्रजेंट किया। जिसने काफी सारे यूथ की साड़ी को लेकर माइंड सेट पर असर जरूर डाला होगा। मौका था दिल्ली रोड स्थित होटल फेयरमॉन्ट आयोजित ‘वीव वॉक’ के दूसरे संस्करण का। शो को कोरियोग्राफ बॉलीवुड फेम कोरियोग्राफर अजमेर के शाय लोबो ने कया जो मनीष मल्होत्रा के शो भी को कोरियोग्राफ करते हैं। पर्यटन विभाग सपोर्टेड इस इवेंट का आयोजन रघुकुल ट्रस्ट ने किया। कार्यक्रम में बतौर गेस्ट पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड,जयपुर रहीं। वहीं साड़ी की चेयरपर्सन साधना गर्ग ने इवेंट को क्यूरेट किया।

रसिका रेड - सुरख लाल कलर ऑर्गेनिक कलर से बनता है।इस पर बगरू प्रिंट किया गया है।ये एक यूनिफॉर्म अप्रभावी डाई रंग है। ये बहुत ही बहुत प्रचलित कलर है। ये बहुत ही बहुत प्रचलित रंग है। जिस हर महिला पहनना पसंद करती है।
रसिका रेड - सुरख लाल कलर ऑर्गेनिक कलर से बनता है।इस पर बगरू प्रिंट किया गया है।ये एक यूनिफॉर्म अप्रभावी डाई रंग है। ये बहुत ही बहुत प्रचलित कलर है। ये बहुत ही बहुत प्रचलित रंग है। जिस हर महिला पहनना पसंद करती है।

जयपुर साड़ी स्पीक की चेयरपर्सन साधना गर्ग ने बताया शो “जीवित परंपराओं को बढ़ावा देने“ के लिए समर्पित था और प्रदशित कला, शिल्प के व्यावसायीकरण से परे और राजस्थान के बुनाई कलाकारों के शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को प्रोत्साहन प्रदान करता है और ऐसा करने से “समावेशी पर्यटन“ को बढ़ावा देता है। राजस्थान की स्वर कोकिला मधु भट्ट ने शो में लोक गीत ’रंगीलो राजस्थान’ की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए दी।

आशना वास्वानी - डिजाइनर व आशिमा परनामी- एक्सपोर्टर - पट्टू साड़ी पहने हुए हैं। यह साड़ी उसी तरह से दिखती है जैसे कश्मीर में पश्मीना होती है।
आशना वास्वानी - डिजाइनर व आशिमा परनामी- एक्सपोर्टर - पट्टू साड़ी पहने हुए हैं। यह साड़ी उसी तरह से दिखती है जैसे कश्मीर में पश्मीना होती है।

इस शो के पार्टिसिपेंट साड़ी डिजाइनर आशीष जैन ने बाताया साड़ी के डिजाइन और क्लोथ इंस्पिरेशन के लिए उन्होंने भाई के साथ जैन मुनि से प्रभावित होकर एमपी जाकर काम सीखा। इसके बाद टोंक के आवा में बुनाई शुरू कर दी। जिसके बाद साड़ी को उन्होंने गांव की खूबसूरती और प्रकृति की सुंदरता से सजाया।