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एसएमएस में 200 करोड़ की लागत से ‘सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक’ लगभग पूरा हो चुका है। पेट, किडनी से संबंधित और ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों को इलाज के लिए अब इधर-उधर भटकना नहीं होगा। नेफ्रोलोजी, यूरोलोजी, गेस्ट्रोएंट्रोलोजी की ओपीडी से लेकर इनडोर, जांच की उच्च स्तरीय सुविधा एक ही छत के नीचे मिलेगी। यही नहीं आधुनिक सुविधाओं से युक्त सेन्टर पर ही आर्गन ट्रांसप्लांट हो सकेंगे।
सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक का निर्माण मई-2018 में काम प्रारंभ हुआ था। पीएमएसएसवाई फेज-4 के तहत नए सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में विद्युत आपूर्ति सुचारु रूप से करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे चुकी है। मरीजों को कतार में लगने की आवश्यकता नहीं होगी। नंबर बताने के लिए कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था से मैसेज मिल जाएगा। इस ब्लॉक में डॉक्टर को दिखाने के लिए एक बार में एक ही मरीज को एंट्री मिलेगी। इससे मरीजों को संक्रमण का खतरा न के बराबर होगा।
किसके कितने बैड
मेडिकल गेस्ट्रोएंट्रोलोजी 62
यूरोलोजी 70
नेफ्रोलोजी 48
डायलिसिस 34
आईसीयू 31
दो माह में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू हो जाएगी
200 करोड़ की लागत से सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक भवन का अधिकतर काम हो चुका है। शेष एक-दो माह में पूरा हो जाएगा। इसमें 120 करोड़ केन्द्र व 80 करोड़ रुपए राज्य सरकार का हिस्सा है। उपकरण खरीदे जा रहे है। अगले दो माह में पेट, किडनी और ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों को एक ही छत के नीचे सुविधा मिल सकेगी। -डॉ.एस.एम.शर्मा, अतिरिक्त प्राचार्य
‘सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक’ में कहां क्या सुविधा मिलेगी
किस मंजिल पर क्या
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