सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार दानिश अबरार के इन्वेस्टमेंट समिट का काले झंडे दिखाकर विरोध करने की धमकी के 24 घंटे बाद ही उद्योग विभाग बैकफुट पर आ गया। कार्यक्रम के आमंत्रण पत्राें का फाॅर्मेट बदल दिया गया। अब आमंत्रण पत्रों पर स्थानीय विधायक व जिला प्रमुखों के नाम हैं। पहले इन्वेस्टमेंट समिट के लिए उद्योग विभाग की तरफ से जो आमंत्रण पत्र छापे गए उनमें स्थानीय विधायकों का नाम नहीं था।
इसमें प्रभारी सचिवों का नाम था। सीएम के सलाहकार नियुक्त किए गए विधायकों के नाम भी अपने जिले की इन्वेस्ट समिट के आमंत्रण पत्र में नहीं थे। जयपुर में होने जा रही समिट के निमंत्रण पत्र में प्रभारी मंत्री के साथ प्रभारी सचिव की जगह उद्योग मंत्री शकुंतला रावत का नाम था। इसके बाद कांग्रेस विधायक वेद सोलंकी ने भी सवाल उठाए थे।
मंत्री की सफाई- नेता भी अपने भाई हैं, अफसर भी
सरकार और ब्यूरोक्रेसी के आमने-सामने आने के बाद द्योग मंत्री शकुंतला रावत बोलीं- मुझे पॉलिटिक्स नजर नहीं आ रही। नेता अपने भाई हैं, अफसर भी अपने हैं।
भाजपा की सलाह- सलाहकारों को बर्खास्त करो
उापनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा- सरकार के कार्यक्रम के खिलाफ विरोध करने वाले सीएम के सलाहकार दानिश अबरार के बाद अन्य भी ऐसा करेंगे। इसलिए असंवैधानिक रूप से नियुक्त सलाहकारों को बर्खास्त किया जाए।
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