काेराेना की चैन ताेड़ने के लिए सबसे जरूरी है 100 फीसदी वैक्सीनेशन हाेना। 100 फीसदी वैक्सीनेशन की नजीर बना है राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस का नर्सिंग काॅलेज। जब अन्य अस्पतालाें के डाॅक्टर्स और नर्सिंगकर्मी वैक्सीन काे लेकर थाेड़े डरे हुए थे, तब यहां के स्टाफ से लेकर सभी स्टूडेंट्स ने पहली डाेज लगवा ली थी और मई में दूसरी डाेज लगवाकर 100 फीसदी वैक्सीनेशन रिकाॅर्ड कायम किया।
वैक्सीनेशन करवाने के बाद स्टूडेंट्स गली-गली जाकर बिना किसी हिचकिचाहट इस महामारी से लड़ने में काेराेना फ्रंट वाॅरियर्स की भूमिका निभा रहे है। करीब 600 स्टूडेंट्स की सर्वे टीम के साथ हाेम आइसोलेट मरीजाें काे मेडिकल किट पहुंचाने में लगी हुई है। वहीं नर्सिंग स्टाफ आरयूएचएस में मरीजाें के बीच रहकर इस महामारी काे हराने में शिद्दत से जुटा हुआ है।
ऐसे ही टूटेगी कोरोना की चेन : काेई वैक्सीन से न छूटे इसलिए प्रिंसिपल ने सभी स्टाफ और स्टूडेंट्स के लिए वैक्सीन लगवाना अनिवार्य किया
प्राचार्य डॉ. जोगेंद्र शर्मा ने बताया कि जब वैक्सीन लगवाने काे लेकर डाॅक्टर्स भी आशंकित थे, हमने तब ही यह तय कर लिया था कि हम 100 फीसदी वैक्सीनेशन का रिकाॅर्ड बनाकर नजीर पेश करेंगे। इसके लिए सभी स्टूडेंट्स और नर्सिंग स्टाफ काे निर्देश जारी कर वैक्सीन लगवाना जरूरी किया।
सभी छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों काे वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाई जा चुकी है। कोरोना की पहली लहर में रामगंज हॉटस्पॉट में सर्वे करने, आरयूएचएस कोविड डेडिकेटेड अस्पताल, सीएमएचओ व आरआरटी में ड्यूटी कर रहे थे ताे वैक्सीनेशन जरूरी था। इस दौरान कई नर्सिंग ट्यूटर व छात्र संक्रमित भी हुए। इस महामारी में वैक्सीनेशन ही सबसे बड़ा हथियार है। इसलिए सभी काे आगे आकर वैक्सीन लगवाना चाहिए। प्राचार्य डॉ. जोगेंद्र शर्मा को बेहतरीन सेवा के लिए 2015 में राष्ट्रपति अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
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