प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए रैपिड जांच किट खरीद की प्रक्रिया में नया पेच आ गया है। पुराने सभी करीब 2 लाख रेपिड टेस्ट किट के आदेश निरस्त करने पड़े। कुल 20 लाख रैपिड टेस्ट किट की खरीद की जानी है। ज्यादा रेट और फर्जी कंपनियों के घुस जाने के कारण 7 अप्रैल को किए आर्डर निरस्त करने पड़े। 7 अप्रैल को फाइनल आर्डर के समय चार सप्लायर्स कंपनियों को 50-50 हजार किट 15 अप्रैल तक देने के आदेश दिए लेकिन उनके दस्तावेज और स्टाॅक की जांच की तो सामने आया कि तीन कंपनियों के पास तो किट ही नहीं थे।
फर्जी तरीके से ही किट के दावे कर आवेदन कर दिया। इसके अलावा चारों की दरें भी ज्यादा थी। 705 रुपए प्रति किट के हिसाब से 14 करोड़ 10 लाख रुपए में 2 लाख किट के आदेश दिए जो निरस्त करने पड़े। उसके बाद अब तय हुआ है कि इन्वैक्स नामक कंपनी से सवा लाख ही रेपिड टेस्ट किट खरीदे जाएंगे। वह पहली खेप मुंबई से कस्टम्स की अनुमति मिलते ही 25 हजार की गुरुवार तक सप्लाई कर देगी। बाकी एक लाख 18 अप्रैल तक सप्लाई होंगे। लिहाजा पूर्व में तो 10 लाख किट की जिस दर पर खरीद प्रक्रिया शुरू की गई थी, वह पूरी निरस्त कर दी गई है। अब नई दर और नए सिरे से खरीद होंगी, उसमें वर्तमान फाइनल की दर 545 रुपए या इससे कम दर पर आने वाली कंपनी से खरीद होगी।
पूर्व की चार में से तीन कंपनियों के पास किट ही नहीं थे
राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड (आरएमएससीएल) के एमडी डाक्टर प्रीतम बी यशवंत ने कहा कि पूर्व की चार में से तीन कंपनियों के पास किट ही नहीं थे। दस्तावेज भी पूरे नहीं थे। हम ओपन नोटिस से खरीद जरूर कर रहे हैं, लेकिन बिड की तरह ही कंपनियों की पूरी जांच और दरों का आईसीएमआर की गाइड लाइन पर परीक्षण करने पर ही खरीद कर रहे हैं। गलत कंपनियां पहले भी तीन बार हो चुकी। अब एक ही कंपनी इन्वैक्स से खरीद कर रहे हैं, इसको भी पहली खेप के 25 हजार रेपिड टेस्ट किट की दर 705 रुपए के आदेश के बाद कस्टम्स ड्यूटी 12 फीसदी से ज्यादा कम हुई है, उसको काट कर पेमेंट होगा। इसके अलावा एक लाख किट की दरें दरों में कमी के कारण रिवाइज करके ही ऑर्डर दिए गए हैं। पहले रामगंज आदि एपिक सेंटर वाले इलाके पर 15 दिन तक पहली खेप के 25 हजार किट से परीक्षण करेंगे। सही पाए जाने की रिपोर्ट के आधार पर अगली 2-2 लाख की खेप के लिए कंपनियों को फाइनल करते रहेंगे।
आईसीएमआर 45 लाख किट खरीद रही, फिर राज्य अलग से क्यों
राजस्थान में रैपिड टेस्ट किट की खरीद को लेकर कुछ लोगों ने आरोप लगाए कि आईसीएमआर सरकार को लिख चुकी है कि केंद्र 45 लाख किट खरीद के आदेश दे चुका है। ये किट राज्यों के देंगे। यह भी निर्देश हैं कि इसके बाद कम पड़े तो राज्य अपने स्तर पर किट खरीदें। ऐसे में राजस्थान पहले ही अपने स्तर क्यों खरीद रहा? इस पर आरएमएसलीएल के एमडी प्रीतम बी यशवंत का कहना है कि ऐसे कोई निर्देश नहीं है। 2, 4 और 10 अप्रैल को तीन बार आईसीएमआर ने रिवाइज निर्देश दिए, लेकिन वहां से किट की खरीद नहीं करने के कोई आदेश नहीं हैं।
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