राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की ओर से लंबित मांगों को लेकर 10 सितंबर को प्रदेशभर के बेरोजगार विधानसभा का घेराव करेंगे। एकीकृत महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार से 23 फरवरी को लिखित समझौता हुआ था। जिसमें सरकार के मंत्रियों ने ही बेरोजगारों की मांग को जल्द से जल्द पूरा करने का वादा किया था। बावजूद इसके 5 महीने से अधिक का वक्त बीत जाने के बाद भी बेरोजगारों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिसके बाद प्रदेशभर के परेशान बेरोजगार अब सरकार के खिलाफ फिर से आंदोलन करेंगे।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के उपेन यादव ने बताया कि सरकार पिछले लंबे समय से लंबित भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं कर रही। जिसकी वजह से हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ रहा है। इसके साथ ही पिछले लंबे समय से नई भर्ती प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाई है। जो राजस्थान के शिक्षित युवाओं के लिए परेशानी का कारण बन गई है।
पेपर लीक होना छात्रों की परेशानी बना
उपेन ने कहा कि पिछले लंबे समय से राजस्थान में पेपर लीक प्रकरण आम छात्रों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। ऐसे में सरकार को इस पर सख्त कानून बनाना चाहिए। जिसके तहत जो भी व्यक्ति पेपर लीक करता है या फर्जी डिग्री का उपयोग करता है, उसे 10 साल की जेल और उसकी संपत्ति जब्त होनी चाहिए। साथ ही राजस्थान में सरकारी नौकरी के दौरान इंटरव्यू प्रक्रिया भी समाप्त होनी चाहिए। ताकि आम छात्र को योग्यता के आधार पर मौका मिल सके।
बता दें कि इससे पहले भी राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के पदाधिकारियों की मंत्रिमंडल के साथ कमेटी की बैठक हुई थी। जिसमें बेरोजगारों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। जब बेरोजगारों की मांगे नहीं मानी गई तो राजस्थान के बेरोजगार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी को अपनी पीड़ा बताने पहुंच गए थे। इसके बाद फिर से आश्वासन दिया गया, लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी गई। ऐसे में फिर से बेरोजगार आंदोलन की राह पर उतर गए हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.