कोरोना अभी नियंत्रण में है लेकिन ब्लैक फंगस चिन्ता बढ़ा रहा है। एक बार सर्जरी के बाद मरीज को वापस चपेट में ले रहा है। एसएमएस अस्पताल में अब तक जिन 591 ब्लैक फंगस मरीजों की सर्जरी हुई, उनमें से 57 की सर्जरी एक बार पहले हो चुकी थी। इनमें से अधिकतर मरीजाें की सर्जरी दूसरे अस्पतालाें में हुई। यानी 57 मरीजाें को ब्लैक फंगस ने फिर आ घेरा, जिनकी दोबारा सर्जरी करनी पड़ी। एसएमएस अस्पताल के म्यूकरमाइकोसिस बोर्ड के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। बता दें कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के अब तक 3653 मरीज मिले हैं और 230 की मौत हुई है।
पोस्ट कोविड में खतरनाक बीमारी की तरह फैला ब्लैक फंगस अब घातक होने से डॉक्टरों के समक्ष भी बड़ी चुनौती है। डॉक्टरों ने दोबारा सर्जरी कर शरीर के अन्य अंगों में फैले इस संक्रमण से मरीजों को बचाया है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर मरीजों ने समय पर एम्फोटेरिसिन दवा नहीं ली, लापरवाही बरती।
दिमाग, नाक व आंख के जरिए फेफड़ों में फैल सकता है, डायबिटीज मरीजों को खतरा: एक्सपर्ट
पोस्ट कोविड मरीजों में खतरनाक बीमारी के रूप में फैला ब्लैक फंगस विशेषकर डायबिटीज मरीजों के लिए घातक हो सकता है। मरीजों को जांच कराकर डायबिटीज कंट्रोल करनी चाहिए। ऑपरेशन के 3 से 6 माह बाद भी डॉक्टर की मॉनिटरिंग में रहें।
कोरोना के साथ या इसके बाद चेहरे पर विशेषकर आंख के नीचे और नाक के बगल में दर्द के साथ सूजन होने पर सचेत रहना होगा। ब्लैक फंगस चेहरे, नाक, आंख या दिमाग को प्रभावित करने के साथ फेफड़ों में भी फैल सकता है। फंगस हमारे आसपास होने से सांस के साथ अंदर चले जाते हैं। प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने से यह बाहर निकल जाता है। कमजोर इम्यूनिटी पर फंगस चेहरे और जबड़े की हड्डी के सहारे दिमाग तक पहुंच जाता है।
एसएमएस की स्थिति
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