जयपुर में अपनों से बिछड़कर घरों से भाग निकले 39 बच्चों को पुलिस ने एक महीने में तलाश कर परिजनों को सौंप दिया है। इसके लिए पुलिस को दिल्ली, मुंबई, यूपी और बिहार में भी कई बार कैंप करना पड़ा। इनमें सोढाला इलाके में 16 अक्टूबर को भाग निकले एक नाबालिग को भी पुलिस ने उत्तराखंड में देहरादून के पास एक कस्बे से तलाश कर लिया।
वह बच्चा फ्री फायर गेम खेला करता था। घर वालों ने डांट लगाई तो घर छोड़कर चला गया। वह देहरादून में एक रबर फैक्ट्री में काम कर रहा था। इससे पहले भी यह नाबालिग गुड़गांव भाग गया था। इसी तरह, एक बालक जयपुर से घूमने निकल गया। पैसे खत्म होने पर उसने रिश्तेदारों से संपर्क किया। तब तकनीकी सेल ने उसे भी तलाश किया और मुंबई से जयपुर ले आई।
पीएचक्यू के निर्देश पर 1 नवंबर से 30 नवंबर के बीच चला ऑपरेशन मिलाप-2
जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के आदेश पर 1 नवंबर से 30 नवंबर तक ऑपरेशन मिलाप-2 कैंपेन चलाया गया। अभियान के दौरान जयपुर पुलिस ने 167 बच्चों की स्क्रीनिंग कर चिन्हित किया गया। इनमें जयपुर में नार्थ जिले की पुलिस ने 3, साउथ जिले की पुलिस ने 12, पूर्व जिला पुलिस ने 6 और पश्चिम जिले की पुलिस ने 18 बच्चों को तलाश कर पकड़ा।
इनमें 24 गुमशुदा बच्चों को जयपुर में अलग-अलग जगहों से तलाश किया गया। 4 बच्चों को राजस्थान में जयपुर के अलावा अन्य जिलों से और 11 बच्चों को राजस्थान के बाहर से तलाश किया गया। बरामद किए गए गुमशुदा बच्चों में दो पश्चिम बंगाल, एक मध्यप्रदेश और एक बिहार का रहने वाला है।
मुंबई, यूपी और बिहार तक पुलिस ने दी दबिश
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा के मुताबिक श्याम नगर में गुम हुई बालिका को उत्तरप्रदेश में गौतम बुद्ध नगर, मुहाना से लापता हुई दो बच्चियों को मुंबई व बैंगलोर से, सोढाला से लापता बालक को देहरादून, सोढाला से ही लापता बालिका को बिहार से बरामद किया गया। इसी तरह, मालवीय नगर इलाके से गुम हुए बालक को मुंबई, हरमाड़ा से लापता बालिका को अहमदाबाद, झोटवाड़ा से गायब बालिका को मुंबई व करधनी से गुम हुई तीन बालिकाओं को दिल्ली में तलाश कर जयपुर लाया गया। उनको परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया।
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