पंचायतीराज व्यवस्था देने वाले राजस्थान में पंचायतें ठेके पर चल रही हैं। निर्वाचित होने वाले सरपंच खेतों और घरों में काम कर रहे हैं उनकी जगह दबंग सरपंची संभाल रहे हैं। महिलाओं को पंचायतीराज संस्थाओं में 50% भागीदारी देने वाले राजस्थान में 6225 महिला सरपंच हैं, लेकिन 10% भी पंचायत का कामकाज नहीं संभालतीं। भास्कर टीम ने 7 जिलों अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमन्द, उदयपुर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर की 70 से ज्यादा पंचायतों का हाल देखा तो पंचायतीराज को शर्मशार करने वाली बातें सामने आईं। सरपंच घरों-खेतों में काम करते मिले।
जबकि उनकी जगह दबंग सरपंची संभालते नजर आए। भास्कर ने जिन पंचायतों की पड़ताल की, उनमें अधिकांश जगह सरपंची संभालने वाले दबंग जेब में सरपंच की मोहर लेकर घूमते नजर आए। क्योंकि चुनाव में पैसा दबंगों ने ही लगाया था। भास्कर ने उन्हें पंचायत की समस्याओं से संबंधित आवेदन भरवाया तो उन्होंने सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर किए, जेब में रखी मोहर निकालकर ठप्पा लगाया। पूछताछ में सामने आया कि पंचायत के चुनावों में इन्हीं लोगों ने पैसा खर्च किया था।
जबकि उनकी जगह दबंग सरपंची संभालते नजर आए। भास्कर ने जिन पंचायतों की पड़ताल की, उनमें अधिकांश जगह सरपंची संभालने वाले दबंग जेब में सरपंच की मोहर लेकर घूमते नजर आए। क्योंकि चुनाव में पैसा दबंगों ने ही लगाया था। भास्कर ने उन्हें पंचायत की समस्याओं से संबंधित आवेदन भरवाया तो उन्होंने सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर किए, जेब में रखी मोहर निकालकर ठप्पा लगाया। पूछताछ में सामने आया कि पंचायत के चुनावों में इन्हीं लोगों ने पैसा खर्च किया था।
पहला सच
पशुओं के बीच मिली सरपंच... बोली- सरपंचजी बाहर गए हैं
उदयपुर के सायरा ब्लॉक की पानेर पंचायत में भमरी बाई नाम की, बंशीलाल काम के सरपंच
नरेगा साइट पर मिला ठेकादारसरपंच के साइन कर सील लगाई
दूसरा सच
दबंग के खेत में मजदूरी और घरेलू काम करता है सरपंच
भीलवाड़ा के रुपाहली खुर्द के सरपंच बालू पंचायत के बारे में कुछ नहीं जानता, बन्नाजी ही सरकार
दबंग को ही सरपंच मानता है गांव, उन्हीं की पंचायत चलती है
तीसरा सच
खरबूजा सुखाते मिली सरपंच ने कहा- मुझे दिखता ही नहीं सरपंच के साइन कैरू करता है... पंचायत के कामों में पति जाता है
बाड़मेर की सुराली पंचायत की सरपंच विलाई घर से बाहर नहीं निकलती, पति-भतीजा दोनों पंचायती
चौथा सच
घर में भी घूंघट में मिली सरपंच काम का पूछा तो चुप ही रही
सुआवतों का गुढ़ा की सरपंच सुषमा घर ही थीं, दबंग जो कागज लाया उनपर चुपचाप साइन किए
संदर्भ- पंचायतीराज को मजबूर से मजबूत बनाना; क्योंकि राजस्थान को 14 जुलाई 2020 के बाद अब पंचायतीराज मंत्री मिला है... अब तो पंचायतों में दबंगों का दखल रोकिए, निर्वाचित प्रतिनिधि को शक्ति और सम्मान दिलाइए।
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