दो राज्य उत्तर प्रदेश और राजस्थान। दोनों में हाल में शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई। यूपी में 28 नवंबर को यूपीटेट हुई तो राजस्थान में 26 सितंबर को रीट। खास बात है कि दोनों जगह परीक्षा से पहले पेपर वाॅट्सएपप पर आ गया, लेकिन कार्रवाई अलग-अलग। यूपी ने पेपर लीक मानते हुए परीक्षा तुरंत रद्द कर दी, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने परीक्षा रद्द करने के बजाय जल्दबाजी में गलत रिजल्ट जारी कर दिया।
अक्टूबर में सरकार ने नकल अध्यादेश लाने की घोषणा की थी, जो अब तक लागू नहीं किया गया। अब यूपी सरकार के निर्णय के बाद राजस्थान में फिर से रीट पेपर रद्द करने और पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग उठ रही है।
हालांकि सीएम अशोक गहलोत 4 अक्टूबर को ही स्पष्ट कर चुके कि रीट परीक्षा रद्द नहीं होगी। राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा का कहना है कि रीट को लेकर सरकार बदनीयती से काम कर रही है। तमाम सबूत होने के बावजूद वह दोषियों को बचाने में लगी है। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला बोले- परीक्षा पारदर्शिता से हुई।
यूपी : एसटीएफ ने कार्रवाई कर पेपर लीक करने वालों की संपत्ति जब्त की
यूपीटेट में 19.99 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत थे, लेकिन परीक्षा से पहले ही पेपर वाॅट्सएप पर आ गया। सरकार ने परीक्षा रद्द की। यही नहीं 30 दिन में बिना किसी शुल्क के दोबारा परीक्षा कराने की घोषणा की। यूपी एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए 23 लोगों को गिरफ्तार किया। सीएम योगी ने अधिकारियों को पेपर लीक मामले में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने और कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
राजस्थान : पेपर लीक में पुलिस और सरकारी अफसर भी शामिल
परीक्षा से डेढ़ घंटे पहले गंगापुर सिटी में सुबह 8:32 बजे ही कांस्टेबल के मोबाइल पर पेपर आ गया। उसकी पत्नी एग्जाम दे रही थी। एसओजी ने पेपर लीक का खुलासा किया, खुद सरकार ने 20 अधिकारी-कर्मचारियों को सस्पेंड किया, लेकिन सरकार ने पेपर लीक नहीं माना, परीक्षा रद्द नहीं की। बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली ने स्वीकार किया था कि परीक्षा से पहले 4 जनों के पास पेपर पहुंचा था।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.