दीपावली के तीसरे दिन आज अन्नकूट महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके तहत आज हर मंदिरों में ठाकुर जी को गड़ की सब्जी, चौला, चावल, कड़ी समेत 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया है। जयपुर में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां 56 या 108 नहीं बल्कि 1111 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। इसमें देश के हर राज्य में बनने वाली परंपरागत चीजों के अलावा विदेशी खाना भी शामिल है।
जयपुर के वैशाली नगर चित्रकूट स्थित अक्षरधाम मंदिर में सजी अन्नकूट झांकी में राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, दक्षिण भारतीय व्यंजनों के साथ दूध और कई तरह से शेक, फल, अनाज से बने पारंपरिक भारतीय भोजन का भोग लगाया गया। इसके अलावा विदेशी फास्ट फूड जैसे पास्ता, केक, नूडल्स, पिज्जा भी शामिल किए गए। मंदिर में आए श्रद्धालु इस झांकी को देखकर हैरान रह गए। क्योंकि इससे पहले उन्होंने किसी भी मंदिर में 56 या 108 पकवानों की झांकी ही देखी थी, लेकिन यहां तो ठाकुरजी के दरबार में इतने पकवान थे कि उन्हें अंगुलियों पर गिना ही नहीं जा सकता था। इस झांकी को हर कोई अपने मोबाइल में कैद करता दिखाई दिया।
स्वामी नारायण मंदिर के महाराज अक्षर प्रेम दास ने बताया कि ये झांकी दोपहर 12 बजे सजाई गई है, जिसे श्रद्धालुओं के लिए शाम 8 बजे तक खोले रखा जाएगा। प्रसादी का वितरण दोपहर एक से शाम 4 बजे तक किया गया।
400 तरह की मिठाइयां और 40 तरह के मिल्क शेक
इस प्रसादी में ठाकुर जी के जो भोग लगाया गया है, उसमें 400 तरह की मिठाइयां है, जो देश के हर राज्यों में बनने वाली मिठाइयां शामिल है। इसके अलावा 40 तरह के मिल्क शेक और दही से बने व्यंजन है। वहीं 8 से ज्यादा तरह के केक, 30 प्रकार की चपातियां, पूड़ी, 50 से ज्यादा तरह की सब्जियां है। इन सभी को मंदिर के 1000 सेवादारों में बांटा गया।
राज्यपाल और पूनिया भी करने पहुंचे दर्शन
मंदिर में झांकी देखने और भगवान के दर्शन करने राज्यपाल कलराज मिश्र और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी पहुंचे। इस मौके पर पूनिया ने दर्शन करने के बाद प्रसादी ली और भगवान से देश में शांति और सुख-समृद्धि की कामना की।
गणेश मंदिर में भी सजी 56 भोग की झांकी
अक्षरधाम मंदिर के अलावा जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर में भी आज अन्नकूट महोत्सव के तहत 56 भोग की झांकी सजाई गई। मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि प्रसादी में भगवान को कुटे हुए अन्न के अलावा मिठाई में घेवर, मूंगथाल, लड्डू, बेसन की चक्की, पेडे समेत अन्य भोग लगाया।
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