जयपुर मेट्रो की स्थाई लोक अदालत ने क्षतिग्रस्त बीमित वाहन मामले में बीमा कंपनी यूनिवर्सल शॉम्पो जनरल इंश्योरेंस को निर्देश दिया है कि वह प्रार्थी को 17,93,949 रुपए की राशि,क्लेम खारिज करने की तारीख से 7 प्रतिशत ब्याज सहित दे। वहीं परिवाद खर्च के लिए 11 हजार रुपए दे। स्थाई लोक अदालत ने यह आदेश गोनेर निवासी अतेन्द्र पाल सिंह के प्रार्थना पत्र पर दिया। प्रार्थना पत्र में कहा कि उसने बीमा कंपनी से अपनी माेटरसाइकिल का 17,576 रुपए प्रीमियम देकर निल डेप्रिसिएशन बीमा करवाया था।
पॉलिसी की अवधि 8 मार्च 2021 से 7 मार्च 2022 थी। इसी दौरान 14 मार्च 2021 को वाहन दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गया। बीमा कंपनी के सर्वेयर ने 10,99,886 रुपए का एस्टीमेट बनाया और पूरी राशि भुगतान के लिए कहा। वहीं बीमा कंपनी के अधिकृत डीलर रिषभ वर्कशॉप ने रि-एस्टीमेट बनाकर दुर्घटनाग्रस्त होने से लेकर वर्कशॉप में खड़े होने तक की पार्किंग के पेटे कुल 17,93,949 मांगे। बीमा कंपनी ने क्लेम यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मोटरसाइकिल सुजूकी हायाबूसा अलग थी और एक्सीडेंट के समय अलग थी। इसे प्रार्थी ने स्थाई लाेक अदालत में चुनौती दी। स्थाई लोक अदालत ने बीमा कंपनी को क्लेम राशि ब्याज सहित प्रार्थी को देने का निर्देश दिया।
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