राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपने कार्यकाल का पहला साल पूरा कर चुके हैं। पिछले साल सियासी संकट के दौरान कांग्रेस आलाकमान ने 14 जुलाई 2020 को सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त करके गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को पीसीसी चीफ की कमान सौंपी थी।
बुधवार को अपने कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर डोटासरा पीसीसी पहुुंचे। पार्टी में विधायकों और नेताओं के बीच चल रही बयानबाजी पर डोटासरा बोले कि पार्टी में अगर कोई भी अनुशासनहीनता करेगा तो उसे उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस का झंडा और हाथ के निशान की कद्र पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं नेताओं को करनी पड़ेगी और फिर भी अगर कोई नहीं समझे तो उसे कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी कोई भी व्यक्ति सीमा से बढ़कर अनुशासनहीनता करेगा तो पार्टी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
कांग्रेस में कोई खेमेबाजी नहीं : कांग्रेस में गुटबाजी को नकारते हुए डोटासरा ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस में कोई खेमे बाजी नहीं है, यहां सिर्फ केवल एक ही खेमा है और वह है सोनिया गांधी और राहुल गांधी का खेमा। कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता और नेता सोनिया गांधी की नेतृत्व में एकजुट हैं और प्रदेश की जनता के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी में किसी प्रकार की कोई खेमेबाजी नहीं है, सब लोग मिलकर काम कर रहे हैं और प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं का सहयोग मुझे मिल रहा है।
मोदी सरकार ने विफलता का ठीकरा मंत्रियों के सर फोड़ा
डोटासरा ने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी विफलता का ठीकरा कई मंत्रियों को हटाकर उनके सिर फोड़ दिया है। कांग्रेस के अध्यक्ष ने आरएसएस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर्दे के पीछे रहकर राजनीति करती है।
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