पेगासस जासूसी मामले में भाजपा और कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। प्रदेश कांग्रेस के केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर होने के बाद अब राजस्थान में उपनेता प्रतिपक्ष और भाजपा के कद्दावर विधायक राजेंद्र राठौड़ ने मोर्चा संभाला। राठौड़ ने मंगलवार को कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पेगासस जासूसी की बात करने से पहले सीएम गहलोत राजस्थान में विधायक-मंत्रियों के फोन टेपिंग का खुलासा करें।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेसवार्ता में कहा कि सीएम अशोक गहलोत पेगासस मामले में सर्वोच्च न्यायालय से संज्ञान लेने की बात कर रहे है। लेकिन इसके पहले मुख्यमंत्री गहलोत बताए कि राजस्थान में किन नियमों के तहत सरकार ने किसके और कितने फोन टेप किए। अगर गहलोत ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें कोर्ट से संज्ञान लेने की बात नहीं करनी चाहिए।
सरकार के मंत्री ने खुद विधानसभा में स्वीकारी फोन टेपिंग की बात
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि भाजपा विधायक कालीचरण सराफ के प्रश्न पर विधानसभा में सरकार की ओर से दिए गए जवाब में स्वीकार किया गया है कि फोन टेप हुए हैं। सत्तारूढ़ दल के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी खुद कह चुके हैं कि उनके और कुछ विधायकों के फोन टेप किए जा रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए।
सीएम ने सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेने की बात तो कह दी, लेकिन उनके ओएसडी लोकेश शर्मा ने ऑडियो-वीडियो जारी किए। जिस पर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने चार FIR दर्ज कराई। उन्हें इस पर संज्ञान लेना चाहिए। इस मामले को लेकर एक मुकदमा दिल्ली की क्राइम ब्रांच में चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे भी फोन टेप हो रहे हो तो यह बड़ी बात नहीं है।
पूर्व सीएम राजे के फोन टेपिंग पर बोले, कांग्रेस के पास कोई तथ्य नहीं
पेगासस जासूसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सचिव के जासूसी मामले में राठौड़ ने कहा कि ये बताएं कि कौनसा नंबर टेप किया गया। कब-कब किया गया। कांग्रेस केवल चाय के प्याले में तूफान लाने की कोशिश कर रही है। इनके पास कोई तथ्य नहीं है। राठौड़ ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार में नौ हजार टेलीफोन और कुछ ईमेल को सर्विलांस पर लिया गया था। यह बात खुद सरकार ने स्वीकारी थी।
राठौड़ ने कहा कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के बाद प्रभारी अजय माकन के रिट्वीट से मुख्यमंत्री परेशान हैं। इस रिट्वीट में लिखा है कि राज्य में कोई क्षत्रप अपने दम पर नहीं जीता है। गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट मिलता है। चाहें अमरिंदर सिंह हो या गहलोत या फिर पहले शीला हों या कोई और मुख्यमंत्री बनते ही समझ लेते हैं कि उनकी वजह से पार्टी जीती है।
जिस एनजीओ ने फोन टेपिंग का दावा किया, उसी के खिलाफ केंद्र ने अभियान चलाया
राठौड़ ने कहा कि पेगासस जासूसी मामले को लेकर बिना तथ्यात्मक जानकारी के संसद के मानसून सत्र में हंगामा किया जा रहा है। यह साफ तौर पर एक और टूलकिट का मामला नजर आ रहा है। पहले भी टूलकिट के माध्यम से पीएम की छवि खराब करने कोशिश की गई। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री इस पर अपनी बात रख चुके हैं। जिस एनजीओ ने दावा किया कि टेलीफोन निगरानी पर है। यह वही एनजीओ है जिसने भारत सरकार के खिलाफ अभियान चलाया था। इससे वह भाग गई थी।
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