ये है भीलवाड़ा का कारोई गांव। ये कई मायनों में अनोखा है। आमतौर पर बच्चों की फॉर्मल एजुकेशन की शुरुआत A,B,C,D या क,ख,ग से होती है, लेकिन इस गांव के बच्चे सूर्य, चंद्रा और ग्रहों की चाल समझते हैं। गणित का इस्तेमाल 2+2=4 करने के लिए नहीं, बल्कि भविष्य बताने के लिए करते हैं। स्कूल एजुकेशन के अलावा बच्चों को ज्योतिष विद्या का ज्ञान भी बचपन से ही दिया जाता है।
यहां हर घर में ज्योतिषी है। इस वजह से अब कारोई का नाम ही ज्योतिषियों का गांव पड़ गया है। राज नेताओं से लेकर बड़े-बड़े बिजनेसमैन यहां अपना फ्यूचर जानने पहुंचते हैं। पंडित योगेश शास्त्री ने बताया कि हाल में राज्य के बड़े नेता ने भी राज्यसभा चुनावों के बारे में जानने के लिए एक कार्यकर्ता को यहां भेजा था। इसके अलावा विपक्षी दलों के कई नेता भी राज्यसभा चुनावों को लेकर आए थे।
जब हर गली-नुक्कड़ पर भविष्य बताने का दावा करने वाले मिल जाते हैं तो क्या वजह है कि 10 हजार की आबादी वाला गांव में भविष्य जानने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं? इसी सवाल का जवाब तलाशने भास्कर टीम भीलवाड़ा जिले से 25 किलोमीटर दूर कारोई पहुंची। भास्कर टीम पहुंची तो गांव में जगह-जगह ज्योतिषियों के बोर्ड लगे हुए थे। कारोई के सरपंच ने बताया कि गांव की आबादी करीब 10 हजार है। इनमें 20 परिवार ही है, जो भृगु ज्योतिष से सटीक भविष्यवाणी करते हैं।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
70 साल पहले वृंदावन से पहुंची विद्या
भास्कर टीम युवा ज्योतिषी योगेश शास्त्री के पास पहुंची। उन्होंने बताया कारोई में पहले सामान्य रूप से पंचाग देखकर ही भविष्य बताया जाता था। वृंदावन से 70 साल पहले एक पंडित भागवत करने आए थे। वे पंडित नाथूलाल व्यास के घर ही रुके थे। उन्होंने नाथूलाल व्यास को ज्योतिष विद्या के भृंगु संहिता शास्त्र के बारे में बताया। उनसे सीखकर नाथूलाल भृगु विद्या से ज्योतिष करने लगे। उनसे परिवार के अन्य लोगों ने ये विद्या सीखी।
प्रतिभा पाटिल के राष्ट्रपति बनने की भविष्यवाणी करने के बाद वे काफी प्रसिद्ध हो गए। उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में भी बुलाया गया था। प्रधानमंत्री मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने भी यहां आकर कुंडली दिखाई थी। इसके अलावा स्मृति इरानी, जयाप्रदा, अमर सिंह सहित कई राजनेता व बिजनेसमैन यहां आ चुके हैं।
बिना कुंडली करते हैं गणना
पंडित योगेश शास्त्री ने बताया कि कारोई गांव में भृगू ज्योतिष के आधार पर गणना करते हैं। वे अंकगणित से बिना किसी जन्मपत्री व जन्मतिथि के पूरा ज्योतिष निकालते हैं। वे बताते हैं कि कुंडली बना कर किसी भी अंक पर अंगुली रखवा लेते हैं। फिर उसी आधार पर गणना करते हैं। लग्न डेढ़ घंटे का होता है। कर्क, मकर लग्न या अन्य से हस्तरेखा के आधार पर पूरी कुंडली निकालते हैं।
रूस, फ्रांस से भी आते हैं लोग
कारोई गांव में अमेरिका, रूस, फ्रांस, कतर सहित कई देशों से भी भविष्य जानने के लिए विदेशी आते हैं। भविष्य जानने के लिए आने वालों में सबसे ज्यादा तादाद नेताओं की होती है। दिल्ली, गुजरात, पंजाब, मध्यप्रदेश सहित देशभर में कहीं भी चुनाव हों, नेता कारोई गांव आते हैं। यहां रोजाना 300 से 400 लोग व रविवार के दिन 1000 लोग ज्योतिष जानने के लिए पहुंचते हैं।
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