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सहाड़ा सीट पर सियासी अखाड़ा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा के बागी रहे लादूलाल पितलिया सोमवार को जयपुर में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से मुलाकात के बाद होम क्वारैंटाइन हो गए। वह घर से बाहर नहीं निकले, पर उनका एक और ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें पितलिया की नाम वापसी की टीस साफ नजर आ रही है। वह अपने समर्थक से इशारों ही इशारों में खुद पर डाले गए दबाव और बेंगलुरु तक दी गई तकलीफ का हवाला देकर वोट करने की बात कह रहे हैं।
ऑडियो 1 मिनट 18 सेकंड का है। वह किसी समर्थक से बात कर रहे हैं। जिस अंदाज में पितलिया बात कर रहे हैं, उससे साफ जाहिर है कि वह चुनाव मैदान से दबाव में आकर हटने से आहत हैं। पितलिया इशारों में समर्थक को समझा रहे हैं कि उन्हें तकलीफ दी गई है। मतलब वोट कहीं और करना है।
ऑडियो में पितलिया और समर्थक के बीच बातचीत...
कार्यकर्ता : नमस्कार साहब
पितलिया : जयश्रीराम
कार्यकर्ता : क्या विचार किया?
पितलिया : इतना दबाव लगा तो फार्म उठाना पड़ा (नाम वापस)... क्या करता?
कार्यकर्ता : फार्म उठाने की बात ही नहीं थी, बंद रह जाता तो महीने भर रह जाता...
पितलिया : परिवार में तकलीफ आ रही थी...फार्म उठाने में मजा थोड़ा ही आ रहा था, फार्म तो चुनाव लड़ने के लिए ही भरा था
कार्यकर्ता : अब हम किसे सहमत करें
पितलिया : देख लो, अब आप समझ जाओ, हमें तकलीफ दे दी तो बात ही खत्म हो गई। यहां से लेकर बेंगलुरु तक तकलीफ दी
कार्यकर्ता : यह तो रतनजी की तरफ से ही हैं...कैलाशजी की तरफ से नहीं है, हम इनके पीछे भी नहीं लगे हैं
पितलिया: नहीं उनकी तरफ से नहीं है। यह इनकी तरफ से हैं
कार्यकर्ता : तो क्या करें साहब, ढाई साल के लिए गायत्री को दें दें फिर। मैं तो आपके पीछे हूं साहब
पितलिया : मेरे साथ तो गलत किया है कुल मिलाकर
कार्यकर्ता : आपके साथ तो भारी गलत किया है साहब
पितलिया : ठीक है
कल दबाव में पितलिया ने कहा था- भाजपा का सच्चा सिपाही हूं
पितलिया को भाजपा ने दबाव देकर मना तो लिया है लेकिन उनके मन में टीस है। सोमवार को सतीश पूनिया से मुलाकात के बाद पितलिया ने कहा था कि भाजपा का सच्चा सिपाही हूं। सहाड़ा में पार्टी जो भी निर्देश देगी वह माना जाएगा। इसके बाद पूनिया ने कहा था कि पितलिया ने पार्टी हित में नामांकन वापस लिया है। अब सहाड़ा में जीत तय है।
पितलिया के क्वारैंटाइन होने के पीछे दोतरफा सियासत
सोमवार को जब पितलिया पूनिया से जयुपर में मिल रहे थे उसी वक्त भीलवाड़ा प्रशासन ने उन्हें होम क्वारैंटाइन रहने का नोटिस चस्पा कर दिया। प्रशासन ने राजस्थान से बाहर से आने पर आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट पेश नहीं करने का हवाला देकर उन्हें नोटिस दिया था। पितलिया जयुपर से जाते ही क्वारैंटाइन हो गए।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दिखावे के तौर पर पितलिया और भाजपा जो दावे करे लेकिन गांठ पड़ चुकी है। ऐसे हालात में पितलिया फील्ड में भाजपा का प्रचार नहीं करना चाहेंगे। अब क्वारैंटाइन करने के नोटिस से पितलिया को बाहर नही निकलने का वाजिब कारण मिल गया है।
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